Hindi Essay, Paragraph on “Yudh Ke Dushparinam”, “युद्ध के दुष्परिणाम”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

युद्ध के दुष्परिणाम

Yudh Ke Dushparinam 

 

किसी ने सच कहा है-“यदि शांति के समय विज्ञान एक देवदूत है, तो युद्ध के समय यह एक शैतान है” अर्थात् विज्ञान की अत्यधिक प्रगति हमारी सभ्यता के लिए एक संकट है।

आज विज्ञान ने मनुष्य के हाथों में असीमित शक्ति दे दी है। हालांकि नए-नए आविष्कार मानव कल्याण के लिए हो रहे हैं, किन्तु अधिकांशतः उनका दुरुपयोग हो रहा है। परिणामतः विज्ञान हमारा सबसे बड़ा शत्रु बन गया है। यह संसार में खुशियाँ लाने की अपेक्षा मौत, विपत्ति और विनाश ला रहा है। विज्ञान के इस युग में युद्ध मानव जाति और सभ्यता का विकट शत्रु है।

विश्लेषणों से ज्ञात हुआ है कि युद्ध केवल सत्ता और शक्ति पाने के लिए किए जाते हैं। आज के अधिकांश युद्ध आर्थिक कारणों से हो रहे हैं। शक्तिशाली देश किसी विशिष्ट देश के व्यापार एवं वाणि अपना एकाधिकार करने के लिए लड़ रहे हैं। आजकल युद्ध बाल निर्मित सामान और कच्चे माल के लिए लड़े जा रहे हैं।

आज यदि युद्ध हुआ तो जन-जीवन की असीमित हानि हो बमबारी से सुंदर इमारतों, बाँधों, सिनेमाघरों, संग्रहालयों, अस्पतालों रेल स्टेशनों, फैक्टरी आदि सभी नष्ट हो जाएंगे। हरे-भरे खेत बंजर भमि में परिवर्तित हो जाएंगे और युद्ध का परिणाम अकाल होगा।

आजकल लगभग सभी देश हथियार बनाने और खरीदने पर अत्यधिक धन व्यय कर रहे हैं। युद्ध के दौरान मिल और फैक्टरी केवल सेना के लिए सामान बनाती हैं। इससे देश के व्यापार और वाणिज्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।

इसके अतिरिक्त युद्ध कला, संस्कृति और साहित्य के लिए भी बहुत खतरनाक है। प्रत्येक वस्तु महंगी हो जाती है और संपूर्ण देश संकटपूर्ण स्थिति में आ जाता है।

आधुनिक युद्ध का जनमानस पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। युद्ध के समय हर ओर घृणा और दुर्भावना फैल जाती है। लोगों के हृदय से प्रेम और सहानुभूति समाप्त हो जाती है। इस प्रकार युद्ध आदमी को क्रूर बना देता है।

आधुनिक युद्ध के दौरान, विज्ञान की सभी खोजें और आविष्कार मनुष्य के विनाश के लिए प्रयोग किए जाते हैं, न कि उसकी खुशी के लिए। हवाई जहाजों को बम फेंकने में प्रयुक्त किया जाता है। मशीनों को हथियार और गोला-बारूद बनाने के काम में लिया जाता है। एटम बम (अणु बम) हाइड्रोजन बम, टैंक, जहरीली गैसें, बम फेंकने वाले हवाई जहाज़, रॉकेट, युद्ध के जहाज़ आदि अत्यंत खतरनाक हथियार। विज्ञान की ही देन है। अतः आधुनिक युद्ध में कोई भी व्यक्ति या वस्तु सुरक्षित नहीं है। टैंक और हवाई जहाज़ आधुनिक सेना के गौरव के प्रतीक हैं। इन आधुनिक और संसाधनों के बिना सेना का कोई अस्तित्व नहीं है।

आजकल ‘परमाणु अप्रसार संधि’ जैसे युद्ध टालने के अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इस उद्देश्य के मद्देनज़र, प्रथम विश्व युद्ध में ‘द लीग ऑफ नेशन्स’ का निर्माण किया गया था। परंतु यह प्रयास असफल हो गया। फिर द्वितीय विश्व युद्ध में संयुक्त राष्ट्र का निर्माण हुआ। अतः युद्ध के दष्परिणामों को देखते हुए युद्ध टालने और शांति बनाए रखने के विश्व स्तर पर अनेक प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें भारत सबसे अग्रणी देश है।

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