Mere School ki Library “मेरे स्कूल का पुस्तकालय” Hindi Essay 250 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

मेरे स्कूल का पुस्तकालय

Mere School ki Library 

मैं डी.ए.वी. स्कूल दरियागंज में पढ़ता हूँ। मुझे इस बात का गर्व है कि मेरे स्कूल का पुस्तकालय किसी भी स्कूल के पुस्तकालय से कहीं ज्यादा उपयोगी है। मेरे पुस्तकालय की पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती रेखा अवस्थी है। उन्होंने बहुत ही परिश्रम से इस पुस्तकालय को बनाया है। यहाँ हर तरह की पुस्तकें उपलब्ध हैं। स्कूली पुस्तकें तो हैं ही इसके अतिरक्ति साहित्य, संगीत, क्रीडा, चित्रकला, मूर्तिकला आदि विषयों की भी अच्छी पस्तकें हैं। इसका एक कारण तो यह है कि हमारे प्रधानाचार्य देश के विख्यात कवि हैं। इसलिए वे स्वयं पुस्तकालय में सुरुचिपूर्ण पुस्तकों की खरीद पर ध्यान देते हैं। पुस्तकालय में प्रत्येक धर्म के ग्रंथ उपलब्ध हैं। हम छात्र इन ग्रंथों को पुस्तकालय से लेकर पढ़ते हैं। हमारे यहाँ आध घंटा पुस्तकालय का लगता है। इसमें पुस्तकालयाध्यक्ष हमें पुस्तकालय के संबंध में जानकारी देती हैं। कौन सी नई पुस्तकें आई हैं और कौन-सी आने वाली हैं, यह भी बताती हैं। मैं अपनी परीक्षात्मक पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी पुस्तकालय से लेकर पंढता हूँ। मैं अभी बारहवीं में हूँ पर लगभग नए लेखकों की अधिकांश पुस्तकें पढ़ चुका हूँ। डॉ. हरिवंशराय बच्चन की ‘क्या भूलें क्या याद करूँ’ मैंने आज ही पढ़कर लौटाई है। मेरी तरह अन्य छात्र-छात्राएँ भी पुस्तकालय का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। मेरी यही कामना है कि हमारा पुस्तकालय हमेशा दिन-दूनी रात चौगुनी तरक्की करता रहे।

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