Hindi Story, Essay on “Budhimaan Khargosh”, “बुद्धिमान खरगोश” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

बुद्धिमान खरगोश

Budhimaan Khargosh

किसी वन में एक शेर रहता था। वह अपनी भूख मिटाने के लिए प्रतिदिन कई जीवों को मारकर खा जाता था। इससे वन के सभी जीव दु:खी थे। एक दिन वे इकट्ठे होकर सिंह के पास गए तथा विनती भरे स्वर में कहा, “महाराज! आप एक दिन में कई प्राणियों की हत्या कर देते हो। इसे बन्द कर दें। हममें से प्रतिदिन एक जीव आपके भोजन के लिए स्वयं आ जाया करेगा। शेर ने उनकी बात मान ली तता उसी दिन से प्रतिदिन एक जानवर शेर के पास आहार के रूप में पहुंच जाता। एक दिन एक खरगोश की बारी आई। वह धीरे-धीरे शेर की ओर चला। रास्ते में उसे एक कुआं दिखाई दिया जिसमें खरगोश को अपनी परछाईं दिखाई पड़ी। खरगोश अत्यन्त बुद्धिमान था। उसे एक तरकीब सूझी। वह धीरे-धीरे चलता हुआ शेर के पास पहुंच गया। भूखे शेर ने क्रोधपूर्वक उससे देर से आने का कारण पूछा। खरगोश ने कहा, “महाराज ! मेरा कसूर नहीं है। रास्ते में मुझे एक ओर शेर ने रोक लिया था। बड़ी मुश्किल से उससे बचकर आया हूं। शेर जोर से दहाड़ा और बोला, मुझे वह शेर दिखा। पहले मैं उसे ही मारूंगा। खरगोश शेर को कुएं पर ले गया। शेर ने जब कुएं में झांका, तो उसे अपनी परछाईं दिखाई दी। वह उसे दूसरा शेर समझ कर कुएं में कूद पड़ा और वहीं मर गया।

शिक्षा- बुद्धि-बल सर्वश्रेष्ठ है।

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