Hindi Essay, Story on “Rupye Ke Paas Rupya Jata Hai”, “रुपयों के पास रुपया जाता है” Hindi Kahavat for Class 6, 7, 8, 9, 10 and Class 12 Students.

रुपयों के पास रुपया जाता है

Rupye Ke Paas Rupya Jata Hai

 

किसी बेवकूफ ने एक कहावत सुनी कि रुपए के पास रुपया जाता है। वह एक खजाने की खिड़की पर जाकर खडा हो गया। पहरेदार ने पूछा, “वहां क्या करता है?”

बोला, जरा एक बात की आजमाइश करने आया हूं। लोग कहते हैं कि रुपए के पास रुपया जाता है। मैं एक रुपया अपने साथ लाया हूं। देखना चाहता हूं कि खजाने में-से रुपया अपने पास आ जाता है क्या?”

सिपाही समझ गया कि यह बेवकूफ आदमी है। लेकिन वह भी तमाशा देखने खड़ा हो गया कि देखें क्या करता है, क्या होता है?

उस आदमी ने जेब से रुपया निकाला और खिड़की के किनारे खड़ा होकर उसे उछालने लगा और मन में सोचने लगा कि अब खजाने में-से रुपया उड़कर उसके रुपए के पास आता है, अब आता है। संयोगवश, वह रुपया उसके हाथ म-से गिरकर खिडकी के रास्ते खजाने के रुपयों में मिल गया। अब वह चिल्लाने लगा. “लोग झठ कहते हैं कि रुपए के पास रुपया जाता है।”

सिपाही ने कहा, “मेरी समझ में तो बात बिलकुल ठीक कहते हैं लोग।

तुम्हारा रुपया रुपयों के पास चला गया न? वह बहुत थे, तुम्हारा एक था। बहुतों ने एक को खींच लिया। “जमात में करामात है।”

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