Hindi Essay on “Acha Padosi”, “अच्छा पड़ोसी” Complete Paragraph, Speech for Students.

अच्छा पड़ोसी

Acha Padosi

जीवन में अच्छा मित्र और अच्छा पड़ोसी सौभाग्य से ही मिलते हैं। अच्छा पड़ोसी मिल जाए तो जीवन का सफर एक-दूसरे के सुख-दुःख बाँटते हुए सरलता से तय हो जाता है। यदि पड़ोसी कटु, निष्ठुर और शक्की स्वभाव के मिल गए तो समझो प्रतिदिन लंका कांड या महाभारत हुई। इसके बाद मारपीट, पुलिस, थाना, कचहरी-जीना मुश्किल हो जाता है। मैं जिस क्षेत्र में रहता है. उस क्षेत्र के सभी निवासी सरकारी कर्मचारी है। सभी लोग सुशिक्षित हैं। उनके रहन-सहन, उठने-बैठने तथा बातचीत करने के ढंग से सौम्यता टपकता है। सभी अपने-अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं लेकिन जब भी वे अपने घरों से बाहर निकलते हैं तो परस्पर अभिवादन करना नहीं भूलता। अवसर मिलने पर या कोई कार्य होने पर कुछ न कुछ बातचीत अवश्य करते हैं। इस प्रकार पारस्परिक संवाद प्रायः सभी में है। यह बात अलग है कि घर की स्त्रियों में प्रगाढ़ता कुछ अधिक दिखाई देती है। मेरे पडोसी का परिचय इस प्रकार है-मेरे सामने वाले क्वार्टर में प्रवीण राय रहते हैं। ये बंगाली हैं। सरकारी कार्यालय में राजपत्रित अधिकारी हैं। बहे सौम्य और मृदुभाषी हैं। हम सभी मिलकर तीज -त्योहारों को हँसी-खुशी मनाते हैं। होली हो या दीवाली अथवा दुर्गा पूजा, दोनों पड़ोसी मिल-जुलकर बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। वास्तव में सच्चा और अच्छा पड़ोसी मिलना बहुत कुछ सौभाग्य पर तो निर्भर है ही, कुछ आपके अपने व्यवहार एवं स्वभाव पर भी आधारित है। हमें अच्छा पड़ोसी बनने का सदा प्रयास करना चाहिए।

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