रक्षा-बन्धन का त्यौहार
Raksha Bandhan ka Tyohar
रक्षा-बंधन हिन्दुओं का एक पवित्र व प्रसिद्ध त्योहार है। यह त्योहार भाई-बहन के स्नेह का त्योहार है तथा भाई द्वारा बहन की रक्षा करने का वचन लेने का त्योहार है। भारत वर्ष के प्रत्येक राज्य तथा हर कोने में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस त्योहार को भाई व बहन दोनों ही बड़े हर्ष व उल्लास के साथ मनाते हैं।
रक्षा बन्धन का त्योहार श्रवण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के कई धार्मिक, ऐतिहासिक तथा पौराणिक कारण हैं। धार्मिक कारण इस प्रकार है कि जब देवता इन्द्र, दुष्ट राक्षसों से लड़ने तथा उन्हें पराजित करने के लिए जा रहे थे तब इन्द्राणी ने एक पवित्र रक्षा-सूत्र उनकी कलाई पर बाँधा तथा इन्द्र युद्ध में विजयी हुए।
और इसको मनाने का पौराणिक कारण यह भी है कि जैन ग्रंथों में विष्णु कुमार द्वारा राजा बलि के पंजों से 700 मुनियों को छुड़ाने की याद में यह दिन मनाया जाता है।
ऐतिहासिक आधार पर मेवाड़ को अत्याचारी शेरशाह से बचाने के लिए आहारानी कर्मवती ने हुमायूँ को राखी भेजी थी तथा हुमायूँ ने उसका राज्य उसके बेटे को वापस दिलवाकर बंधन की लाज रखी थी इन्हीं कारणों से यह त्योहार मनाया जाता है।
रक्षा बन्धन के दिन सुबह बहन तैयार होकर अपने भाई को तिलक लगाती है तथा उसको राखी बांधती है फिर उसके बाद उसे मिठाई खिलाती है। भाई भी अपनी बहन को उपहार व पैसे देता है। इस दिन घरों में भी पकवान व मिठाइयाँ बनती हैं और सब लोग विशेष रूप से भाई बहन इस त्योहार को खुशी-खुशी मनाते हैं।