Swachhta Abhiyan “स्वच्छता अभियान” Latest Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 12 and Graduation Examination.

स्वच्छता अभियान

Swachhta Abhiyan

स्वच्छता अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है, जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और कई स्थल आते हैं। ये एक बड़ा आन्दोलन है, जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णत: स्वच्छ बनाना है। इसमें स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए महात्मा गांधी के भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर, 2014 (145वें जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया है और 2 अक्टूबर, 2019 (बापू के 150वें जन्म दिवस) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गांधी के द्वारा देखा गया था, , जिसके संदर्भ में गांधी जी ने कहा कि, “स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी है।” स्वच्छ भारत अभियान के एक राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई मुहिम एक स्वच्छता अभियान एक स्वच्छ भारत की कल्पना की दृष्टि से लागू किया गया है। भारत को एक स्वच्छ देश बनाना महात्मा गांधी का सपना था।

इस मिशन का उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालना, साथ ही सभी को स्वच्छता की सुविधा के निर्माण द्वारा पूरे भारत में बेहतर मल प्रबंधन करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिए। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिए भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए है, जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरू किया जा सकता है इसके लिए निम्न सुझाव है

भारत में हर घर में शौचालय हो साथ ही खुले मे शौच प्रवृत्ति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।

हाथ के द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई की व्यवस्था का जड़ से खात्मा जरूरी है।

नगर-निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।

खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लागों की सोच और स्वभाव में परिवर्तन लाना और स्वास्थकर साफ-सफाई की प्रक्रियाओं का पालन करना।

इसमें कार्य करने वालों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिए मदद करना। पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना।

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