Rakhi “राखी” Hindi Essay, Paragraph for Class 9, 10 and 12 Students.

राखी

Rakhi

श्रावणी और रक्षाबन्धन दोनों पर्व एक ही दिन अर्थात् श्रावण पूर्णिमा को मनाए जाते हैं। श्रावणी को ऋषि तर्पण भी कहा जाता है। यह अति प्राचीन पर्व है अतः इसे ‘वैदिक पर्व’ के नाम से जाना जाता है। यह पर्व ब्राह्मणों व पंडितों का पर्व है। यज्ञोपवीत धारण करने के लिए इसे श्रेष्ठ और शुभ दिन माना जाता है।

रक्षाबन्धन बहुप्रचलित और लोक पर्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज के दिन इंद्राणी ने शास्त्रीय विधि-विधान के साथ एक रक्षा कवच तैयार कर इन्द्र की कलाई में बाँधा था। यह असुरों से युद्ध के समय बाँधा गया था। इससे देवताओं की जीत हुई। संभव है रक्षा-सूत्र अर्थात् राखी बाँधने की प्रथा यहीं से प्रारम्भ हुई हो।

रक्षाबन्धन भाई-बहन का पावन पर्व है। राखी का इतना महत्व है। कि अनजान लड़की भी यदि किसी अनजान लड़के के राखी बाँध दे तो वह रिश्ता अटूट बंधन बन जाता है। बहन भाई के माथे पर कुमकुम का टीका-अक्षत लगाकर उसके प्रति मंगल कामना करते हुए ‘राखी’ बाँध है। भाई विजयी हो, समृद्ध हो और मेरी रक्षा करे यही भावना निहित होती है राखी में। बदले में भाई भी बहन को रक्षा का विश्वास देता है। भारत के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जब किसी बहन ने भाई की कलाई में राखी बाँधकर रक्षा की गुहार की और भाई ने प्राण देकर भी बहन की रक्षा की।

इस प्रकार का एक प्रसिद्ध उदाहरण है रानी कर्णावती का। आतताइयों से रक्षा करने के लिए रानी कर्णावती बादशाह हुमायूँ को राखी भेजती है और हुमायूँ तत्काल अपनी फौज लेकर चल पड़ा था। राजस्थान में ऐसे कई वीर भाइयों की गाथाएँ प्रचलित हैं जिनमें भाइयों ने मरकर भी बहनों की रक्षा की।

भाई-बहन के इस पावन पर्व को केवल औपचारिक नहीं माना जाए। यह स्नेह और प्यार के बंधन का पर्व है अतः इसे पूरी उमंग और उत्साह से ही मनाना चाहिए। हमारे अन्य पर्व-त्योहारों की तरह इस दिन भी बहन-भाई प्रातः स्नान कर नए वस्त्र धारण करें। भाई बहन को आश्वस्त करे कि वह उसकी रक्षा करेगा। तो बहन भी भाई के प्रति इतना स्नेह, प्यार और अपनापन दे कि भाई बहन का प्यार पाकर अभिभूत हो जाए। इस दिन श्रवण की भी पूजा की जाती है।

यह हमारा परम्परागत पर्व है। इसे अपनी प्राचीन परम्परा और शुद्ध भावना से ही मनाया जाना चाहिए। आधुनिकता की बयार में प्रेम का पर्व राखी मलिन या दूषित न हो इस बात पर पूरा ध्यान रखा जाए।

कैसे मनाएँ रक्षाबन्धन

How to celebrate Rakshabandhan

  1. राखी हमारा परम्परागत पर्व है। यह आपसी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। इस त्योहार से जुड़ी धार्मिक और ऐतिहासिक घटनाएँ बच्चों को सुनाई जाएँ। इसका धार्मिक महत्व समझाया जाए। रक्षाबंधन के पीछे छिपा उद्देश्य बच्चों को समझाया जाए।
  2. राखी से जुड़े गीत गाए जाएँ।
  3. राखी के महत्व को उजागर करने वाली घटनाओं को लघु नाटिका के रूप में पेश किया जाए।
  4. सहशिक्षा वाले विद्यालय में लड़कियाँ लड़कों को राखी बाँधें ।
  5. लड़कियों को वृद्धाश्रम अथवा अनाथालय ले जाकर वृद्धों व अनाथ बच्चों के राखी बँधवाने का आयोजन किया जा सकता है।
  6. बच्चों को राखी बनाने व राखी का थाल सजाने का प्रशिक्षण दिया जा सकता है।

Leave a Reply