Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Santulit-Bhojan”, “संतुलित-भोजन”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

संतुलित-भोजन

Santulit-Bhojan

किसी ने ठीक ही कहा है-स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। यदि हम सेहतमंद भोजन करेंगे, तो हमारा शरीर व मस्तिष्क दोनों ही स्वस्थ रहेंगे। हमें केवल स्वाद के लिए नहीं, अपितु शरीर की आवश्यकता के अनुकूल भोजन करना चाहिए। संतुलित व पौष्टिक आहार लेने से ही शरीर स्वस्थ व बलवान बनता है तथा बुद्धि का विकास होता है। बीमारियों से लडने की क्षमता भी उसी व्यक्ति में अधिक होती है, जो दूध, दही, फल व हरी सब्जियों का सेवन करता है। चिप्स, बर्गर, पिज़्ज़ा आदि खाने से शरीर मोटा व अस्वस्थ हो जाता है। इसलिए स्वस्थ भोजन करो और अपने तन तथा मन दोनों को स्वस्थ रखो। यह उक्ति ठीक ही है-“पहला सुख निरोगी काया।”

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