Hindi Patra Lekhan “Apne Mitra patra likhkiye jisme aitihasik sthal ki yatra ka varnan kiya hua ho” Class 10 and 12.

अपने मित्र को लगभग 250 शब्दों में एक पत्र लिखिए जिसमें ऐतिहासिक स्थल की यात्रा का वर्णन हो।

परीक्षा भवन,

5 जनवरी,

प्रिय राजेश,

तुम्हारे उस स्नेह भरे पत्र के लिए बहुत धन्यवाद जो मुझे अगले दिन मिला। चूंकि मैं अपने चाचा के साथ आगरा चला गया था इसलिए तुम्हारे पूर्व पत्रों का जवाब नहीं दे सकने के लिए मुझे वास्तव में दुःख है। इस पत्र में मैं उस ताज के प्रथम असर का वर्णन करने जा रहा हूँ जो पत्थरों में गीतात्मक रूप में वर्णित है।

हम लोग अपने आगमन के दूसरे दिन ताजमहल देखने गए। ताजमहल श्वेत संगमरमर के चबूतरे पर खड़ा है और इसकी चार मीनार चारों कोने पर प्रहरी के समान हैं। श्वेत गुम्बद, सुंदर शिखर और लुभावने मेहराब, ये सभी सुंदर और मनोहर हैं। ताजमहल की सुंदरता वर्णनातीत है। यह सभी वर्णन को तुच्छ कर देता है। इस भव्य स्मारक को देखकर हम मोहित हो जाते हैं। हम इस कलात्मक पूर्णता पर आश्चर्यचकित हो जाते हैं। इसकी सुंदरता पूर्ण एवं अनिन्द्य है। चांदनी रात में विशाल संगमरमरी भवन की सुंदरता चांदनी में पिघलती हुई मालूम पड़ती है। यह परीलोक से पृथ्वी पर लाया गया सुन्दर भवन मालूम पड़ता है।

ताजमहल का निर्माण सम्राट शाहजहाँ ने रानी मुमताज महल, जो अपने समय में सबसे सुंदर थी, की याद में बनवाया था। इसके निर्माण में अठारह वर्ष का समय लगा और 30 करोड़ रुपए खर्च हुए। अमरीकी पर्यटक के शब्दों में, यह शाहजहाँ की समुदायिक परियोजना थी।

ताजमहल का निर्माण तीन सौ वर्ष पहले हुआ था फिर भी यह कल का बना हुआ मालूम होता है। दिन, महीने और वर्ष बीत गए, फिर भी ताजमहल पुराना नहीं लगता है। यह श्वेत संगमरमर पर लिखा गया प्रेम-गीत है। उनके प्रेम ने काल पर विजय प्राप्त कर ली है।

सुंदरता सदा आनंद देने वाली वस्तु है,

इसकी रमणीयता बढ़ती ही जाती है और इसका

अस्तित्व कभी भी समाप्त नहीं होगा।

मैं आशा करता हूँ कि तुम भी इस भवन को देखने जाओगे।

शुभकामनाओं सहित,

तुम्हारा सच्चा मित्र,

(क)

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