मेरा प्रिय फल
Mera Manpasand Fruit
फल सदा से ही साधुओं का भोजन रहे हैं। माना जाता है कि जैसा भोजन हम करते हैं, हमारे विचार भी वैसे ही हो जाते हैं। फल व कंदमूल शुद्ध विचार उत्पन्न करने वाले शुद्ध भोजन हैं। इनसे हमारे शरीर को विटामिन और खनिज़ प्राप्त होते हैं जो हमें रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं।
फलों में रंग और स्वाद की बहुत भिन्नता है। मुझे मीठे फल अधिक लुभाते हैं और यदि बात फलों के राजा आम की हो तो खाए बिना रुका ही नहीं जाता। यह गरमी के मौसम की देन है।
बचपन से ही मैं वर्ष के हर महीने में आम का बेसबरी से इंतजार करता रहता था। मेरा प्रिय चित्र भी सुंदर रसीले आम का था। मीठे सुनहरी आम की लंबी हरी पत्ती में मैं रंग भरते नहीं थकता था। आम खाते समय मैं कपड़ों को भूल ही जाता हूँ और गिटक से रस टपक-टपक कर मेरी कमीज पर भी पीला रंग छोड़ जाता है।
भारतीय आम बहुत स्वादिष्ट होते हैं और इन्हें बाहर देशों में भी भेजा जाता है। जून का महीना भारतीय घरों में आम का अचार डालने का महीना होता है। आम का पन्ना हमें गरमी की लू से बचाता है। आम का स्वाद पूरे वर्ष मेरे मुँह से नहीं जाता।