मैंने चौराहे पर देखा एक मदारी का खेल
Mene Chorahe par dekh ek madari ka khel
कल मैं बाजार सब्जी लेने के लिए घर से निकला । चौराहे के एक कोने पर मैंने कुछ लोगों की भीड़ देखी । दूर से देखने पर मुझे लगा कि शायद यहाँ कोई दुर्घटना हो गई । उत्सुकतावश मैं वहाँ चला गया । वहाँ जाकर मुझे पता चला कि वहाँ एक मदारी तमाशा दिखा रहा है । बच्चों की भीड़ जमा है । बहुत से युवक-युवतियाँ और बड़ी उमर के लोग भी वहां एकत्र थे । जब मैं वहाँ पहुँचा तो मदारी अपने बंदर और बंदरिया का नाच दिखा रहा था । मदारी डुगडुगी बजा रहा था और बांसुरी भी बजा रहा था । बंदरिया ने घाघरा चोली पहन रखी थी और सिर पर चुनरी भी ओढ़ रखी थी । बंदर ने भी धोती कुर्ता पहन रखा था । बंदरिया ने गले में एक नकली मोतियों की माला, हाथों में चूड़ियाँ भी पहन रखी थीं । मदारी बंदर से पूछ रहा था कि क्या तुम ने विवाह करवाना है । बंदर हाँ में सिर हिलाता । फिर वह यही प्रश्न बंदरिया से करता । बंदरिया भी हाँ में सिर हिलाती। फिर मदारी से पूछा कि कैसी लड़की से विवाह करवाएगा । बंदर ने हाव-भाव से बताया। उसके हाव-भाव को देखकर सभी बच्चे हँसने लगे । फिर बंदर दूल्हा बन कर विवाह करने चला और बंदरिया को ब्याह कर लाया । इस सारे तमाशे में बंदर की हरकतों, बंदरिया के शर्माने के अभिनय को देखकर बच्चों ने कई बार तालियां बजाईं । मदारी ने डुगडुगी बजाकर नाच समाप्त होने की घोषणा की । बंदर-बंदरिया का नाच दिखाने के बाद मदारी ने एक चौंका देने वाला तमाशा दिखाया । मदारी ने अपने साथ एक छोटे लड़के को ज़मीन पर लिटाकर उसकी एक तेज़ छुरी से जीभ काट ली । बच्चा खून से लथपथ ज़मीन पर छटपटा रहा था । उस भीड़ में मौजूद स्त्रियाँ यह दृश्य देख कर काँप उठीं। कुछ स्त्रियों मै तो उस मदारी को बुरा-भली भी कहना शुरू कर दिया । परंतु मदारी पर उनका कोई प्रभाव न पड़ा। वह शांत बना रहा । उसने लोगों को बताया कि यह तो मात्र एक तमाशाहै । क्या कोई अपने बच्चे की जीभ काट सकता है । उसने जमीन पर पड़े अपने बच्चे को नाम लेकर पुकारा और लड़का हँसता हुआ उठ खड़ा हुआ। उसने अपना मुँह खोल कर लोगों को दिखाया कि उसकी ज़बान सही सलामत है । यह खेल दिखा कर मदारी ने बंदर और बंदरिया के हाथों में दो टोपियाँ पकड़ा कर लोगों से पैसा माँगने के लिए कहा-बंदर और बंदरिया लोगों के सामने मटकते हुए जाते और उनके आगे अपनी टोपी करते । सभी लोगों ने उनकी टोपी में कुछ न कुछ जरूर डाला जिन्होंने कुछ नहीं डाला उन्हें बंदरों ने घुड़की मार कर डराया और भागने पर विवश कर दिया । मदारी का तमाशा खत्म हुआ । भीड़ छट गई । घर आकर मझे पता चला कि मदारी ने बच्चे की जीभ नहीं बकरे की जीभ काटी थी जो उसने पहले से ही बच्चे के गले में उतार कर रखी थी।