मैं मोटरगाड़ी हूँ
Mein Motorgadi Hoon
मैं चार पहियों पर चलती लाल मोटरगाड़ी हूँ। मैं सुंदर, चमकीला शरीर लिए शान से खड़ी होती हूँ।
जब चाबी लगाकर मेरा इंजन चालू होता है तो वह मधुर गीत-सा लगता है। मक्खन के जैसे मेरा स्टीयरिंग दाएँ-बाएँ घूमता है।
मैं जब सड़क पर निकलती हैं, तो लोग सड़क खाली कर मुझे देखते नहीं थकते। मैं सदा लाल बत्ती पर रुकती हूँ। मैं जेबरा क्रॉसिंग से पीछे खड़ी रहकर पथिक को रास्ता देती हूँ।
मुझे वही चालक अच्छे लगते हैं जो प्रेम से मुझे चलाए। तेज चलानेवाले और बार-बार ब्रेक लगानेवाले मेरे पुर्जा को खराब कर देते हैं।
बच्चों को मैं सदा अपनी पीछे की सीट पर बिठाती हूँ। मैंने कभी कोई दुर्घटना नहीं की, इसलिए मैं अपने ऊपर बहुत गर्व महसूस करती हैं।