Hindi Essay on “Lohri”, “लोहड़ी”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

लोहड़ी

Lohri

मुख्यत: पंजाब क्षेत्र में धूम मचानेवाला यह त्योहार 13 जनवरी को आता है। पंजाब और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्र भयंकर सरदी झेलते हैं। कड़ाके की सरदी इस त्योहार के बाद कम होने लगती है। यह खेती से जुड़ा हर्षोल्लास और गाने-बजाने का पर्व है।

दिनभर बच्चे ‘बुल्हा भट्टी’ की शान में घर-घर गीत गाते घूमते हैं। यह किरदार एक चोर था जो गरीबों का पेट भरने के लिए चोरी करता था।

और उनके हक के लिए लड़ता था। बच्चों की इस टोली को घर-घर से मिठाइयाँ और पकवान मिलते हैं। जिस घर से वे खाली हाथ लौटते हैं, वहाँ के लिए कहते हैं “हुक्का भई हुक्का, ये घर भुक्खा ” अर्थात यहाँ देने के लिए कुछ नहीं है।

लोहड़ी का पर्व खुले आकाश के नीचे लकड़ियों की ढेरी में आग लगाकर मनाया जाता है। मित्र और संबंधी मिलकर इसके आस-पास गिद्दे और बोलियाँ डालते हैं। तिल, गजक, गुड़, मूंगफली और फुल्लों या पॉपकोर्न का भोग लगाकर उसका प्रसाद बाँटते हैं।

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इस पर्व के मुख्य पकवान मक्की की रोटी और सरसों का साग है। नवजात शिशु और नवविवाहित जोड़े की लोहड़ी और भी उत्साह के साथ मनाई जाती है।

इस त्योहार का संदेश : गत ऋतु की समाप्ति और फसलों की कटाई की शुरूआत है।

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