Hindi Essay on “Khel aur Vayayam”, “खेल और व्यायाम”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

खेल और व्यायाम

Khel aur Vayayam

 

जीवन में खेलकूद बहुत आवश्यक है। खेलते-कूदते बच्चे सदा प्रसन्न रहते हैं।

खेल किसी भी तरह का हो – आँख-मिचौनी, क्रिकेट, दौड आदि। सभी से हमारे शरीर का व्यायाम होता है।

खेल और व्यायाम से शरीर चुस्त और फुर्तीला, मन प्रसन्न और दिमाग तेज होता है। ऐसा बच्चा पढ़ाई में भी अच्छा निकलता है। सभी पाठशालाओं में खेल और व्यायाम के उचित प्रबंध होते हैं। कुछ खेलों में तो उनकी अपनी टीम भी होती है। समय-समय पर पाठशालाओं में खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

आजकल बच्चों से लेकर बूढ़े, सभी व्यायाम के प्रति सचेत हो गए हैं। शरीर को निरोग रखने और मन प्रसन्न करने में इनका बहुत योगदान

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