Hindi Essay on “Ek Din Circus me”, “एक दिन सरकस में”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

एक दिन सरकस में

Ek Din Circus me

हम एक बड़े शहर में रहते हैं। यहाँ कई जगह सरकस और मेलों का आयोजन होता है। मुझे सरकस और वहाँ के करतब सबसे अधिक रुचिकर लगते हैं। इस बार विश्व प्रसिद्ध मुंबई सरकस हमारे शहर में आया। एक सप्ताह की तैयारी के बाद उन्होंने अपने शो शुरू किए। मेरे पिता जी ने हमें रविवार को ले जाने का वादा दिया।

उत्साहित, हम नाश्ते के तुरंत बाद सुबह का शो देखने निकल पड़े। मैदान में धूल और हलचल के बीच टिकट लेकर हम अंदर पहुँचे । विशाल टेंट के नीचे गोलाई में कुरसियाँ लगी थीं और बीच में खाली जगह थी।

बैंड की आवाज के साथ लाल नाकवाले जोकरों का समूह कूद-फाँद करते अंदर आया और अपनी नई-नई हरकतों से सबको हँसा-हँसाकर लोटपोट कर दिया। फिर कलाबाजों की ऊँची छलांगों ने सबके होश उड़ा दिए।

बाघ, सिंह और चीतों की सेना लिए हरिलाल मास्टर, हंटर बरसाते आए। कभी आग से इन्हें कुदवाते, कभी सलाम करवाते।

विदेशी तोतों का भी कोई जवाब न था। सरकस के सभी पात्र उत्तम वस्त्रों से सज्जित थे और सभी ने सर्वोत्तम प्रदर्शन किया। मुझे यह सरकस बहुत लुभाता है।

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