Hindi Essay on “Chidiya Ghar ki Sair”, “चिड़ियाघर की सैर”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

चिड़ियाघर की सैर

Chidiya Ghar ki Sair

सरदी की खिली धूप और छुट्टी का दिन, हमारी चिड़ियाघर की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त था। अपनी पानी की बोतल टाँगे मैं अपनी मम्मी और बड़े भाई के साथ चिड़ियाघर की सैर को निकल पड़ा।

दिल्ली का चिड़ियाघर बहुत बड़ा है, यहाँ घूमने के लिए कम से कम दो घंटे का समय चाहिए। जिनसे अधिक चला नहीं जाता, उनके लिए गाडियों का विशेष प्रबंध है। परंतु हमने पैदल चलना ही उचित समझा।

सबसे पहले हमने पानी पर तैरने वाले पक्षी देखे। बतख, सारस, हंस, बगुले, सभी नहर के बहाव का आनंद ले रहे थे। आगे बढ़ने पर बाड़ से घिरे एक मैदान में हमने गैंडा देखा। उसे चारा डाला जा रहा था। उसकी मोटी खाल और भारी शरीर सभी दर्शकों को चकित कर रहे थे। फिर हमने काले मुँह वाले लंगूर देखे। पेड़ों पर करतब करते लंगूरों के बाद भयंकर बाघ था। फिर बड़े पिंजरों में कैद तोते, उल्लू, चहचहाते पक्षी और उनके बाद हिरन, मगर और भेड़िया।

मुझे सबसे सुंदर दृश्य ऊँची गर्दन वाले जिराफ़ का लगा। नर और मादा जिराफ़ पेड़ पर लटके एक ऊँचे झूले से बारी-बारी भोजन कर रहे थे।

हाथी, बंदर और सफ़ेद बाघ के बाद हमने सीधे कैंटीन का रुख किया। उत्साहपूर्ण यात्रा के बाद मैं अपनी रजाई में दुबक कर सोचता रहा और रात में भी बाघ पर बैठकर चिड़ियों का शिकार करता रहा।

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