Hindi Essay on “Ankhon Dekhe kisi Match ka Varnan – Cricket Match”, “आँखों देखा किसी मैच का वर्णन-क्रिकेट मैच”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

आँखों देखा किसी मैच का वर्णन-क्रिकेट मैच

Ankhon Dekhe kisi Match ka Varnan – Cricket Match

किसी-न-किसी मैच को हम अपनी आंखों से देखते हैं और विशेष आनन्द का अनुभव करते हैं। दिल्ली राजधानी में कोई-न-कोई मैच होता ही रहता है। पिछले वर्ष इंदिरा गांधी स्टेडियम में इंग्लैंड और भारत के बीच क्रिकेट मैच हुआ था। इस मैच को मैं भी देख रहा था।

मैच आरम्भ हुआ। मैंने देखा कि भारत की टीम के कप्तान सुनील गावस्कर थे। अब मैच को आरम्भ करने के लिए एम.सी.सी. ने टास जीता। टास जीतने के बाद मैच शुरू हो गया। मैच के पहले दिन एम।सी।सी। के मुख्य छः बल्लेजबाज आउट हुए थे। रेण्डवल और बाथम क्रीज पर थे। इस मैच को देखने के लिए भीड़ उफन रही थी। क्रिकेट बोर्ड के अनेक प्रबन्ध करने के बाद भी भीड़ को नियंत्रित करना बहुत कठिन हो रहा था। भीड़ इतनी अधिक थी कि मुख्य द्वार के साध प्रवेश द्वार पर भी बैठने की जगह न होने के कारण खेल देखने के उत्सुक लोग करीब तीन सौ से भी अधिक खड़े-खड़े इस मैच को देखकर आनन्द का अनुभव कर रहे थे। इतनी बड़ी भीड़ को अंदर जाने देने के लिए टिकटों की जांच करना भी एक कठिन कार्य था। यही कारण था कि मैं लगभग पैंतालीस मिनटों के बाद ही अन्दर प्रवेश कर पाया था। काफी प्रयत्न के बाद मैं बैठने का स्थान पाकर बहुत खुश हुआ था। यह बैठने का स्थान बहुत तंग था। फिर यहाँ से मैच परी तरह से दिखाई। पड़ता था। अब मेरे बाद और किसी को कोई भी और कहीं भी बैठने का स्थान मिल सके; बहुत असंभव था।

जब मैच आरम्भ हुआ, तब उस समय लगभग दस बज र थे । खेल के रू। होने के पहले दोनों टीम के अम्पायरों ने खेल के मैदान में आधार क्रीज का निरीक्षण किया। कुछ देर के बाद भारतीय टीम के सदस्य टीम के कप्तान गावस्कर के नेतत्व में के मैदान में आये। दूसरी ओर इंग्लैण्ड के टीम के कप्तान एम।सी।सी। के नेतृत्व में मैदान में आये। जब भारतीय खिलाड़ियों का खेल आरम्भ हुआ, तब सबसे पहले। प्रसिद्ध गेंदबाज कपिलदेव ने गेंदबाजी की। पहले दो-तीन गेंदें खेलने में बाथम को थोड़ी कठिनाई हुई किन्तु चौथी गेंद पर उसने भागकर दो रन लिए। इसके बाद उसने एक और गेंद पर चौका मारा। ओवर समाप्त होने के बाद दूसरे छोर से रवि शास्त्री ने गेंदबाजी शुरू की। संयोग की बात यह है कि रवि शास्त्री की पहली गेंद पर ही रैण्डल कैच-आउट हो गए। खेल में जान-सी आ गई। अब तक एम। सी।सी। की रन संख्या सात विकेट पर 129 हो गई थी। इसके बाद विलीस मैदान पर उतरे; किन्तु वे भी बहुत देर तक पिच पर नहीं टिक सके। भारत के कुशल गेंदबाजों ने खेल शुरू होने के एक घण्टे के भीतर ही इंग्लैंड की सारी टीम आउट कर दी।

अब भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों की बारी आई। यह बारी दस मिनट के बाट ही आई थी। भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर और प्रसिद्ध खिलाड़ी वेंगसरकर ने अपनी-अपनी पारी के द्वारा खेल को आरम्भ कर दिया था। इंग्लैंड की ओर से प्रसिद्ध गेंदबाज एम.सी.सी. ने गेंदबाजी शुरू की थी। गावस्कर खेल में एकजुट हो गए। थे। पहले ओवर में केवल दो रन बने । खेल चलता रहा कुछ देर बाद भारत के दोनों बल्लेबाजों ने खुलकर खेलना शुरू किया और खेल के पहले घण्टे में 40 रन । बने। इसके बाद विलीस की एक गेंद पर वेंगसरकर आउट हो गए और उनका स्थान लेने के लिए गुंडप्पा विश्वनाथ आए। दुर्भाग्य से विश्वनाथं भी अधिक देर तक पिच पर नहीं ठहर सके और अभी उनकी व्यक्तिगत रन संख्या 26 ही थी। कि वे बौथम की गेंद पर कैच आउट हो गए। भारत बहुत कठिन स्थिति में फैंस गया था। उसके दो शीर्षस्थ बल्लेबाज केवल 60 रनों पर ही आउट हो गए थे। इसके बाद कपिलदेव आए और दर्शकों ने तालियाँ बजाकर उनका स्वागत किया। निश्चय ही कपिलदेव का खेल बहुत शानदार रहा। उनकी रन बनाने की गति अद्भुत थी। शायद ही कोई गेंद ऐसी होती थी जिस पर वे रन न बना पाते हों। उन्होंने । अगले आधे घण्टे के खेल में ही अपनी व्यक्तिगत रन संख्या 40 तक पहुँचा दी। गावस्कर उनका जमकर साथ दे रहे थे। कपिलदेव ने इस बीच विलीरा की गेंद पर एक जोरदार छक्का मारकर दर्शकों के मन को मुग्ध कर दिया था। उसके बाद गावस्कर कैच आउट हो गए और चायकाल के समय भारत की रन संख्या तीन विकेट पर 140 तक पहुँच गई। उस दिन के मैच में कपिलदेव की धुआंधार बल्लेबाजी मुझे सदैव स्मरण रहेगी।

अपनी आँखों से देखे हुए इस क्रिकेट मैच का जो मुझे आनंद और सुख का अनुभव प्राप्त हुआ, वह आज भी मुझे बार-बार याद दिलाता है। यही कारण है कि में जब कभी अवसर प्राप्त करता हैं तो कोई-न-कोई क्रिकेट मैच देखने के लिए लालायित और मचल जाता हूँ। मुझे बार-बार इस देखे गए क्रिकेट मैच को। उत्साहवर्द्धक और रोचक दृश्य इस खेल के प्रति अद्भुत लगाव उत्पन्न कर हैं। मैंने जब से इस क्रिकेट मैच का आनंद और सुख प्राप्त किया तवे से बार-बार प्रशंसा सबसे किया करता हूँ ।

वास्तव में मुझे इस खेल के प्रति जो झुकाव और आकर्षण हैं, वह इस मैच के देखने के कारण ही है। इसलिए मैं आज भी अन्य खेलों में भाग लेते हुए भी क्रिकेट मैच को अधिक महत्त्व देता हैं और अपने अन्य संपर्क-सूत्रों को इसके लिए  प्रेरणा दिया करता हूँ।

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  1. Madhavan January 12, 2020

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