10 Lines on Vinayak Damodar Savarkar (Politician) “विनायक दामोदर सावरकर” Complete Biography in Hindi.

विनायक दामोदर सावरकर

Vinayak Damodar Savarkar

जन्म: 28 मई 1883, भगुर
निधन: 26 फरवरी 1966, मुंबई

  1. महान क्रांतिकारी और सच्चे देशभक्त वीर सावरकर अपने पिता दामोदर सावरकर के तीन पुत्रों में मझले पुत्र थे । सावरकर बचपन से ही अपूर्व प्रतिभाशाली थे ।
  2. दस वर्ष की उम्र में ही वे मराठी में उत्कृष्ट कविताएँ लिखने लगे थे । अपनी बाल-टोली के नेता बनकर घण्टों व्याख्यान दिया करते । उनकी वाक्शैली बहुत सम्मोहक हुआ करती थी । इतना ही नहीं वे अपने साथियों से जीवन भर देशरक्षा का भी प्रण करवाते थे ।
  3. सन् 1901 में मैट्रिक करके वे फर्गुसन कॉलेज चले गए । वहाँ उन्होंने विदेशी कपड़ों की होली जलाकर अंग्रेजी राज के बहिष्कार की घोषणा कर दी । यह खबर आग की तरह चारों ओर फैल गईं । उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया ।
  4. सावरकर ने मुंबई से बी.ए. किया और कानून पढ़ने लंदन चले गए । वहाँ ‘गदर पार्टी’ के संचालक लाला हरदयाल से मिलकर क्रांतिकारी गतिविधियों में फिर से संलग्न हो गए।
  5. सन 1908 में भाई गणेश सावरकर को काले पानी की सजा होने पर उन्होंने बदला लेने की ठानी । उनकी प्रेरणा पर मदनलाल धींगड़ा ने मि. वायली को गोली से उड़ा दिया । सजा सुनाने वाले मि. जैकसन की भी हत्या कर दी गई। लंदन में दामोदर सावरकर पर मुकदमा चलाया गया ।
  6. उनकी बैरिस्टरी का प्रमाणपत्र देने के लिए सरकार ने उनपर राजद्रोह में भाग न लेने की शर्त रखी। सावरकर का उत्तर था – “अगर मेरा देश-प्रेम अंग्रेजों के लिए राजद्रोह है, तो मैं उससे पीछे हटने वाला नहीं।”
  7. सावरकर ने अंग्रेजी कैद से भागने के कई असफल प्रयास किए। इस वीर देशभक्त को 26 वर्ष की अल्पायु में ही दो बार आजीवन कैद की सजा सुनाई गई। अण्डमान निकोबार की जेल में उन्होंने बहुत जुल्म सहे ।
  8. सन् 1914 में उन्हें रिहा करके रत्नागिरी जिले में नज़रबंद कर दिया गया । वहाँ उन्होंने हिन्दू सभा संगठित की और अछूतोद्धार आंदोलन चलाया।
  9. उनकी आत्मकथा पर अंग्रेज सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया ।
  10. अंग्रेज सरकार की नाक में दम करने वाल इस वीर सिपाही ने 1966 में प्राण त्याग दिए ।

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