Shiksha Satra ka Prarambh Swagat Diwas “शिक्षा सत्र का प्रारम्भ स्वागत दिवस” Hindi Essay, Paragraph for Class 9, 10 and 12 Students.

शिक्षा सत्र का प्रारम्भ स्वागत दिवस

Shiksha Satra ka Prarambh Swagat Diwas

हर विद्यालय में नए विद्यार्थी आते हैं। नया विद्यालय, नई जगह, नए अध्यापक, नए साथी, सब-कुछ नया और अनजाना होता है। अनजानों के बीच आने पर कुछ छात्र-छात्राओं को एक घबराहट सी रहती है। नए छात्र-छात्राएँ स्कूल भवन से पूरी तरह परिचित नहीं होते हैं अतः उन्हें कुछ कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है।

विद्यालय में जब नई भर्ती बंद हो जाए तब एक दिन ‘स्वागत दिवस’ तय किया जाना चाहिए। नए आए विद्यार्थियों के पुराने विद्यार्थी कुमकुम का तिलक करें, मुंह में गुड़ का टुकड़ा या मिठाई दें।

पुराने विद्यार्थी नए आए विद्यार्थियों से परिचय करें। उन्हें आश्वस्त करें कि कभी कोई कठिनाई आए तो वे मदद के लिए तैयार हैं। इससे नए आए विद्यार्थी आश्वस्त होंगे। उनके मन से भय और घबराहट दूर होगी। अध्ययन में वे निश्चिंत होकर मन लगा सकेंगे। विद्यालय में प्रेम, सहयोग, मदद और अनुराग का वातावरण बनेगा।

अध्यापकों को भी चाहिए कि वे नए आए विद्यार्थियों से सद्व्यवहार करें, उनकी उपेक्षा न करें।

विद्यार्थियों को अध्यापकों से मिला प्यार और अपनापन विद्यार्थियों में अध्यापक के प्रति सम्मान और आदरभाव को मजबूत करेगा।

इस स्वागत दिवस पर संस्था-प्रधान सभी छात्रों को अपने विद्यालय के उद्देश्य, विद्यालय की व अध्यापकों की विशेषताएँ बताएँ। विद्यार्थियों को अनुशासन पालन करने का संदेश दें। यह बताएँ कि विद्यार्थी या अध्यापक, जो इस सत्र में नए आए हैं, आज से वे सब इस विशाल परिवार के सदस्य बन गए हैं। और अब हम सबको सचमुच एक संयुक्त परिवार की तरह रहना है।

ऐसे आयोजन बच्चों में सद्भाव, आपसी प्रेम भाव और एकजुटता बनाने में सहायक होते हैं। इस अवसर पर नए आए छात्रों में से कोई नृत्य-गायन या किसी अन्य कला का प्रदर्शन कर सके तो आगंतुक बच्चों की प्रतिभा आँकने का यह एक सुअवसर भी बन सकता है।

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