Ramadan “रमजान” Hindi Essay, Paragraph for Class 9, 10 and 12 Students.

रमजान

Ramadan

रमजान का महीना मुस्लिम समाज के लिए बड़ा पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना वह महीना है जब दुआएँ कबूल होती हैं। यह पवित्र महीना रोजेदार को हर बुराई से दूर रहने की प्रेरणा देने वाला होता है। ‘रमजान’ शब्द की उत्पत्ति ‘रम्ज’ से हुई मानी जाती है। रम्ज का अर्थ जलने से होता है अर्थात् यह गुनाहों और बुराइयों को जलाने का महीना है।

इस महीने में मुस्लिम समाज पूरे एक गाह ( रमजान का महीना) उपवास रखते हैं। दिनभर जल तक नहीं पीते। सुबह से शाम तक बिना खाए-पिए रहने को ही ‘रोजा’ कहते हैं। रोजे के दिन हर रोजेदार के मन में खुदा का भय रहता है क्योंकि खुदा उसके हर काम पर नजर रखे होता है। रोजेदार न हाथों से कोई गलत काम करता है, न बुरा बोलता है न बुरा सुनता है। यहाँ तक कि पैर भी गुनाह की राह पर नहीं जाएँ! बस खुदा का नाम लें। गरीबों और असहायों की मदद करें। आँख भी ऐसा कोई काम न करें जो गुनाह की सीमा में आता हो ।

स्पष्ट है पूरा महीना संयम का महीना है। खुदा को स्मरण करने का महीना है। उसकी बताई हुई राहों पर चलने का महीना है। ऐसे रोजेदारों के लिए ही खुदा जन्नत के दरवाजे खोलता है।

कैसे मनाएँ रमजान

How to celebrate Ramadan

  1. रमजान का महीना मुस्लिम समाज का पवित्र महीना है।
  2. इस महीने में न कोई बुरा काम हाथों से किया जाता है न मुँह से गंदा बोला जाता है। न किसी का बुरा होते देखा जाता है। स्पष्ट है कोई गुनाह नहीं किया जाता।
  3. इन्हीं अच्छाइयों के महत्व को बच्चों को समझाया जाए ताकि वे सन्मार्ग पर चलना सीखें।

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