पुस्तकें पढ़ने की आदत
Pustaken Padhne ki Aadat
पुस्तकें हमारे लिए ज्ञान का साधन हैं। अतः मनुष्य निरन्तर पुस्तकों का अध्ययन करता है। आज समय की कमी के कारण पुस्तक पढ़ने की आदत घटती जा रही है। आज कम्प्यूटर का बोलबाला है। मनुष्य को जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए बाजार में जाने की आवश्यकता नहीं है। इंटरनेट के माध्यम से वह घर पर अपने कम्प्यूटर या लैपटाप के माध्यम से किसी भी विषय पर जानकारी हासिल कर सकते हैं। इससे पुस्तके पढ़ने की आदत पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ा है। इससे मनुष्य को यह हानि हो रही है कि अब मनुष्य को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो रही हैं। धीरे-धीरे पुस्तकों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। पुस्तकें निरन्तर पढ़ते रहने से ज्ञान लाभ होता है। समय का सदुपयोग होता है।