Jyothirmayi Sikander, ज्योतिर्मयी सिकदर– Biography, Birth, Achievements, Records, Career Info, Age, Complete Essay, Biography, Paragraph in Hindi.

ज्योतिर्मयी सिकदर

Jyothirmayi Sikander

जन्म : 11 दिसंबर, 1969 जन्मस्थान : देवोग्राम (प. बंगाल)

जब 1998 के बैंकाक एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ी देश को निराश कर रहे थे तब ज्योतिर्मयी सिकदर ने भारत को विजय दिलाई। उन्होंने दो स्वर्ण तथा एक रजत पदक जीत कर भारतीय टीम को निराशा से बचा लिया। उनकी जीत से न केवल उनके खिलाड़ी साथियों को उत्साह जाग उठा वरन मीडिया द्वारा की जाने वाली खिलाड़ियों व अधिकारियों की आलोचना पर भी विराम लग गया। उनकी विजय ने भारतीयों में खुशी की लहर दौड़ा दी। इन खेलों में उन्होंने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 2:01:00 सेकंड में 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण-पदक प्राप्त किया तथा 4:12:82 सेकंड का श्रेष्ठ प्रदर्शन करके 1500 मीटर में भी स्वर्ण पदक प्राप्त किया। 4 x 400 मीटर की रिले दौड़ की टीम में रजत पदक प्राप्त किया।

ज्योतिर्मयी का जन्म पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में हुआ। उसने अपने पिता की मदद से मैदानों में दौड़-दौड़ कर स्टेमिना बना लिया ताकि वह लम्बी दौड़ लगा सके। साथ ही साथ वह पढ़ाई करती रही और भौतिक शास्त्र में स्नातक डिग्री प्राप्त कर ली। उसने शुरू में 400 मीटर की दौड़ में भाग लेना आरम्भ किया फिर वह 800 मीटर से 1500 मीटर की दौड़ में हिस्सा लेने लगी।

ज्योतिर्मयी ने राष्ट्रीय स्तर पर खेलों की शुरुआत 1992 में आल इंडिया ओपन मीट’ में 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीत कर की। अगले वर्ष में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता और उन्हें ढाका में होने वाले साउथ एशियन फेडरेशन (सैफ) खेलों के लिए 1993 में भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया। इन खेलों में ज्योतिर्मयी ने 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक प्राप्त किया।

फिर 1993 में सिंगापुर ओपन में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। 1994 में उन्होंने 1500 मीटर का राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ दिया। 1994 में हिरोशिमा के एशियाई खेलों में वह विजय प्राप्त नहीं कर सकीं और चौथे स्थान पर रहीं।

29 वर्षीय ज्योतिर्मयी सिकदर जब विजय के बाद भारत लौटी तो उसका शानदार स्वागत किया गया। फूलों से लदी खुली जीप में उसको ले जाया गया। उसे नई गोल्डन गर्ल’ का नाम दिया गया। उसे इस विजय के लिए अन्तरराष्ट्रीय कम्पनी सैमसंग ने ‘सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण प्रदर्शन पुरस्कार’ (मोस्ट वैल्यूड परफार्मेस अवार्ड) से सम्मानित किया। उसे इसके लिए नकद 13 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई।

वह ईस्टर्न रेलवे में सुपरिन्टेंडेंट पद पर कार्य करती हैं। उनका विवाह अपने पूर्व कोच अवतार सिंह के साथ हुआ है।

ज्योतिर्मयी को 1995 में ‘अर्जुन पुरस्कार दिया गया तथा 1998 में वह ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार पाने वाली प्रथम एथलीट बनीं।

उपलब्धियां :

  • 1994 में ‘विश्व रेलवे मीट’ लन्दन में उन्होंने 4 x 400 मीटर रिले दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। है
  • 1995 की एशियन ट्रैक एंड फील्ड मीट, जकार्ता में उन्होंने 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता तथा 4 x 400 मीटर रिले दौड़ में रजत पदक प्राप्त किया।
  • 1995 में 800 मीटर में नया राष्ट्रीय रिकार्ड स्थापित किया।
  • 1996 में उन्होंने ताइपेई में 400 मीटर में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
  • उन्होंने दो बार अन्तरराष्ट्रीय आई. टी. सी. मीट में हिस्सा लिया।
  • 1995 में कांस्य तथा 1997 में स्वर्ण व रजत पदक प्राप्त किए है|
  • 1997 में फुकुओका, जापान में एशियन ट्रैक एंड फील्ड मीट में 800 मीटर तथा 1500 मीटर दौड़ में उन्होंने कांस्य पदक जीते तथा 4 x 400 मीटर की रिले दौड़ में उन्होंने रजत पदक जीता है ज्योतिर्मयी को 1995 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
  • 1998 में वह ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार पाने वाली प्रथम एथलीट बनीं।
  • 2003 में पद्मश्री से सम्मानित की गई हैं।
  • 2004 से लोकसभा की सदस्य हैं।

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