Holi ka Tyohar Kaise Manaye, Holi Festival Essay in Hindi for Students.

होली

Holi

होली हमारे प्राचीनतम त्योहारों में से एक है। यों तो हमारे सभी त्योहार भाईचारे, प्रेम और मिलाप का संदेश देते हैं। पर होली इस उद्देश्य से अधिक महत्वपूर्ण है। यह सारे भारत में मनाया जाता है। इस त्योहार को खुशी और उमंग का त्योहार माना जाता है।

इस त्योहार की शुरुआत बसंत पंचमी से ही हो जाती है। सर्दी बीत चुकी होती है। वातावरण खुशनुमा हो जाता है। रबी की फसल आने को होती है किसान वर्ग इसलिए भी बहुत खुश होता है।

भारतीय ज्योतिष के हिसाब से होली जलने के दूसरे दिन से नया साल शुरू होता है इसलिए भी यह दिन खुशी का है।

धार्मिक दृष्टि से प्रह्लाद और हिरण्यकश्यप की कथा इस होली के पीछे है। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को यह वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। पर जब प्रह्लाद को जलाकर मार देने की नीयत से वह चिता पर प्रहलाद को लेकर बैठ जाती है तो होलिका जलकर खाक हो जाती है और प्रह्लाद बच जाता है। होलिका एक गंदे इरादे से चिता पर बैठती है अतः जलकर खाक हो जाती है। तब से यह प्रतीक बन गया, रिवाज बन गया कि अपने मन का कलुष जलती होली में डाल दें और प्रह्लाद की तरह सच्चे मन के इंसान बनें। होलिका-दहन बहुत धूम-धाम करते हैं। से होता है। नाच-गाकर, ढोल और चंग बजाकर खुशी और मस्ती प्रकट

जिस दिन होली जलाई जाती है उसके दूसरे दिन रंग खेला जाता है, जिसे धुलेंडी कहते हैं। घर-बाजार, गली-मोहल्ला सब तरफ रंग ही रंग होता है और गाती-बजाती टोलियाँ युवकों और बच्चों की! रंग और गुलाल लगाकर आपस में गले मिलना ही इस त्योहार की सार्थकता है। सब पुरानी कटुताएँ, ईर्ष्या-द्वेष, दुश्मनी आज के दिन भुला दी जाती है। हमारे अन्य त्योहारों की तरह इस त्योहार पर भी भिन्न-भिन्न प्रकार के पकवान बनते हैं।

होली ब्रज की सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यों हर प्रान्त में होली मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। होली की अग्नि को पवित्र मानकर इसकी पूजा की जाती है। सच पूछा जाए तो यह वैर-भाव भुलाकर भाईचारे व प्रेम का संदेश देने वाला महापर्व है।

इस दिन को मनाने की हमारी प्राचीन मान्यता, उद्देश्य और उमंग का सही उपयोग करना चाहिए। किसी भी तरह की गंदगी फैलाकर इस त्योहार की पवित्रता को नष्ट नहीं होने देना चाहिए। अश्लील व्यवहार, नशा, द्वेष और वैरभाव से किया गया बर्ताव इस त्योहार के पावन रूप को नष्ट करता है। अतः इनसे बचना चाहिए।

ऐसे मनाएँ होली

How to celebrate Holi Festival

  1. होली हमारा प्राचीन परम्परागत त्योहार है। इसके पीछे जो धार्मिक व सामाजिक कारण हैं वह बच्चों को बताए जाएँ।
  2. होली कैसे खेलें, होली पर क्या करें क्या नहीं करें, होली के वर्तमान स्वरूप जैसे विषयों पर बच्चों के भाषण कराए जाएँ।
  3. होली की वर्तमान बुराइयों से बच्चों को अवगत कराएँ । हानिकारक रंगों के नुकसान पोस्टर पर लिखकर लगाएँ। होली ऐसे खेलें, ये बातें अलग पोस्टर पर लिखकर लगाएँ।
  4. ‘होली’ पर बच्चों के संस्मरण सुनवाएँ, श्रेष्ठ को पुरस्कृत करें।
  5.  होली पर हरी लकड़ी नहीं जलाएँ, पेड़-पौधे नहीं काटें, पर्यावरण सुरक्षा से अवगत कराएँ।
  1. होली विषय पर चित्र व कार्टून बनवाएँ। हास्यात्मक वेश-भूषा की प्रतियोगिता करें।
  2. शिष्ट चुटकला प्रतियोगिता कराएँ ।
  3. अंत में बच्चे एक-दूसरे के ललाट पर गुलाल का टीका लगाकर गले मिलें ।

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