History of “Washing Machine”, “वाशिंग मशीन” Who & Where invented, Paragraph in Hindi for Class 9, Class 10 and Class 12.

वाशिंग मशीन

Washing Machine 

History of washing machine in Hindi

History of washing machine in Hindi

 

(कपड़ों की धुलाई का सरल तरीका)

हजारों सालों से कपड़े हाथ से धोए) जाते रहे। घर की महिलाएं कपड़ों में साबुन लगाकर और फिर पीटकर कपड़े धोती थीं, जिसमें खासी मेहनत लगती थी। सन् 1858 में अमेरिका के पिट्सबर्ग इलाके के हैमिलटन स्मिथ ने  कपड़ा धोने की पहली मशीन तैयार की, जिसमें मेहनत कम लगती थी। इस मशीन का नाम ‘होम वाशर रखा गया और आगे इसमें काफी सुधार किए गए।

बीसवीं सदी के प्रारम्भ में इस मशीन में अनेक सुधार किए गए। शिकागो के अल्वा फिशर ने बिजली से चलने वाली पहली वाशिंग मशीन तैयार की। पर वैज्ञानिकों को इससे सन्तुष्टि नहीं मिली। सन् 1924 में सेवेज आर्ल्स कॉरपोरेशन ने एक ऐसी मशीन  तैयार की जो कपड़ा धोने के बाद उसे सुखाने का काम भी करती थी। इसमें दो टब होते थे। एक टब में कपड़े धोए जाते थे। उसके बाद इस टब के कपड़े मशीन के अन्दर  दूसरे टब में पहुंच जाते थे। वहां उन्हें तेजी से घुमाया जाता था और विद्युत् से उत्पन्न गरमी से उन्हें सुखा भी दिया जाता था।

 आज तरह-तरह की सेमी ऑटोमेटिक व ऑटोमेटिक मशीनें उपलब्ध हैं, जो इनमें धुलाई भी अच्छी होती है और साबुन की बचत भी होती है।

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