अपने पिता को एक पत्र लिखिए जिसमें उन्हें बताइए कि आप विवाह के प्रस्ताव से असहमत हैं।
परीक्षा भवन,
27 फरवरी,
आदरणीय पिताजी,
मुझे 10 फरवरी को आपका पत्र मिला। मैं क्षमा चाहता हूँ कि आपको जल्दी जवाब नहीं दे सका क्योंकि मैं व्यस्त था। इसके अलावा, मैं विवाह के विषय पर सोच नहीं सका हूँ।
आप मेरी बातों को नाराजगी न समझें। मैं मानता हूँ कि वर्तमान परिस्थितियों में विवाह करना बुद्धिमानी नहीं है। मैं जानता हूँ कि इससे आपको एवं माँ को निराशा होगी किंतु मैं आपसे अपनी वर्तमान परिस्थिति के बारे में विचार करने का आग्रह करता हूँ।
मैं वर्तमान में जिस पद पर हूँ वह अस्थायी है और इससे मुझे प्रतिमाह केवल चार हजार रुपये मिलते हैं। मुझे आपके खर्च के लिए प्रतिमाह लगभग एक हजार रुपये भेजने होते हैं। शेष तीन हजार रुपए में से मैं ऋण की किश्त के रूप में लाला हीरालाल को प्रतिमाह पाँच सौ रुपये का भुगतान करता हूँ जिससे आपने मेरी शिक्षा के लिए उधार लिया था।
इसके अलावा, छँटनी के दिनों में हमारे जैसे अस्थायी क्लर्क का भविष्य खतरे में होता है। वे कहते हैं कि छँटनी की योजना पहले से ही विचाराधीन है। इसलिए हममें से कोई भी नौकरी के प्रति निश्चित नहीं है।
इन कष्टदायक परिस्थितियों में मेरे लिए कुछ भी बचाना संभव नहीं है और हिंदू विवाह में लगभग पचास हजार रुपए का खर्च होता है। मैं पहले से ही कर्ज में हूँ और मैं किसी नए कर्ज का बोझ परिवार पर नहीं डालना चाहता हूँ।
शीला के विवाह की भी समस्या है। विवाह में मुझे जो दहेज मिलेगा उससे शीला के विवाह में सहायता मिलेगी, यह मुझे उचित नहीं लगता है।
मेरे विवाह की बात को छोड़ देना चाहिए। हमारे कंधे पर पहले से ही कई उत्तरदायित्व हैं। हम वर्तमान में दूसरी जिम्मेवारी नहीं ले सकते हैं। यदि अगली योजना के तहत मेरी छँटनी नहीं की जाती है तो मैं स्थायी पद के लिए आवेदन करूँगा।
मैं आशा करता हूँ कि मेरी आय में वृद्धि होगी। कृपया थोड़ा और इंतजार करें।
माँ को प्रणाम, शीला को स्नेह।
सस्नेह,
आपका प्यारा,
(क)