Hindi Essay on “Vidyarthi par Fashion ka Prabhav”, “विद्यार्थी पर फैशन का प्रभाव”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

विद्यार्थी पर फैशन का प्रभाव

Vidyarthi par Fashion ka Prabhav

फैशन का सामान्य अर्थ है-सजावट। अपने शरीर को सजा-सँवारकर प्रस्तुत करना या रखना फैशन के अतर्गत आता है। नित नए-नए परिधानों से सजना यानी दिखाना और आकर्षण फैशन के अनिवार्य लक्षण हैं। आज के शन के दौर ने विद्यार्थी वर्ग को भी अपने चंगुल में ले लिया है। वह अपने लक्ष्य को भूलकर फैशन की अंधानुकृति कर रहा है। वह फशन का गलाम ही बन गया है। आज शिक्षक उसका गुरु न होकर फैशन डिजाइनर उसका गुरु बन्।गया है। विद्यालय की जगह वह सिनेमा और रेस्तराँ के चक्कर काटता है। फैशन संबंधी पत्र-पत्रिकाएँ उसकी पाठ्य-पुस्तके बन गई हैं। उसके जीवन का एकमात्र लक्ष्य है नए फैशन की खोज। फैशन नाम की यह बीमारी केवल नगरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दूर गाँवों तक फैल गई है। फशन ऐसा परजीवी है यदि इसे दर नहीं किया गया तो यह युवा पीढ़ी को बीमार बना देगा। इसलिए शिक्षको के साथ अभिभावकों का यह कर्तव्य बनता है कि वे युवा पीढ़ी के सामने उच्च आदर्श प्रस्तुत करे वे युवा पीढ़ी को समझाएँ कि सादा जीवन रखते हुए जो लोग उच्च विचार रखते हैं, वे ही अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं सच्ची और बहुमूल्य संपदा हमारी ऊपरी तड़क-भड़क नहीं है बल्कि वे उच्च विचार हैं जिन पर हमारे चरित्र भवन का निर्माण होता है और इसी के कारण हम सब में दूसरों की सहायता करने और जीवन में सच्चाई तथा ईमानदारी जैसे मूल्यों का विकास होता है। इसके साथ ही युवा वर्ग को, उपयोगी कार्यों में लगाकर तथा उनका मनोवैज्ञानिक उपचार करा कर भी फैशन रूपी पिशाचिनी से पीछा छुड़ाया जा सकता है। फैशन का अंत ही जनहित है। अतः इससे मुक्ति दिलाने के यथाशीघ्र प्रयास किए गए जाने चाहिए।

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3 Comments

  1. Shanbhungar January 19, 2019
  2. Dev sharma June 27, 2019
  3. Dev Mehta July 5, 2019

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