Hindi Essay on “Natkhat Chuha”, “नटखट चूहा ”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

नटखट चूहा  

Natkhat Chuha

मैं एक चतुर, सयाना चूहा हूँ। मैं घर के पीछे सोता हूँ। मौका पाते ही मैं घर के अंदर घुस जाता हूँ।

अपनी पूँछ दुबकाए मैं एक कोने में बैठा रहता हूँ और अपनी तेज नजर से जान लेता हूँ कि रास्ता साफ़ है। मैं इतना छोटा होता हैं कि कभी-कभी आपके पैरों के नीचे से भी निकल जाता हूँ और आपको पता भी नहीं चलता।

मुझे खुले फल, अनाज, मूंगफली, चॉकलेट, बिस्कुट सभी में मुँह मारने में बहुत आनंद आता है। यदि कुछ न मिले तो कपड़ों की अलमारी में घुस मैं सारे कपड़े कुतर जाता हूँ। मुझे सोते हुए बच्चों को काटने में बड़ा मजा आता है। इसलिए मम्मी सदा पिंजरा लगाकर रखती हैं। वैसे तो मैं बहुत चालाक हूँ परंतु जब पिंजरे में पराँठा लगा हो तो खुद को रोक नहीं पाता।

एक बार जो हँसा तो मम्मी मुझे अपनी बिल्ली को दे देती हैं। परंतु अपनी फुर्ती से मैं बिल्ली को चकमा देकर फिर भाग जाता हूँ।

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