Hindi Essay on “Mein Roti Hu”, “मैं रोटी हूँ ”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मैं रोटी हूँ 

Mein Roti Hu

मैं आटे की गोल रोटी हूँ। मैं गेहूँ के आटे से बनती हूँ। खेतों में कई महीनों की मेहनत के बाद किसान गेहूं उगाता है। फिर चक्की में पिस आटा रसोई तक पहुँचता है।

माँ पानी से आटे को गूंध छोटे-छोटे गोल पेड़े बनाती है। फिर चकले बेलन पर बेल वह मुझे तवे पर सेकती है। मैं खुशी से फूल तुम्हारी थाली पर पहुँचती हूँ। मुझे तुम्हारा पेट भरने में बहुत आनंद आता है।

मैं तुम्हारे शरीर में पहुँचकर उसे स्वस्थ बनाती हूँ। मुझमें बेसन, पालक, मेथी मिलाकर मेरा स्वाद और पोषण दोनों बढ़ाए जा सकते हैं। गोभी, मूली, आलू आदि भर मेरे पराँठे बच्चों को बहुत लुभाते हैं। थाली में रोटी छोड़कर उसका निरादर नहीं करना चाहिए। मेरी जगह तुम्हारे पेट में है, कूड़े में नहीं।

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