Hindi Essay on “Karmnishtha Ki Mahima”, “कर्मनिष्ठा की महिमा” Complete Paragraph, Speech for Students.

कर्मनिष्ठा की महिमा

Karmnishtha Ki Mahima

दैनिक जीवन में हम अनेक लोगों से मिलते हैं जो विभिन्न प्रकार के काम करते हैं-सड़क पर ठेला लगाने वाला, दूध वाला, नगर-निगम का सफाईकर्मी, बस कंडक्टर, स्कूल अध्यापक, हमारा सहपाठी और ऐसे ही कई अन्य लोग। शिक्षा, वेतन, परंपरागत चलन और व्यवसाय के स्तर पर कुछ लोग निम्न स्तर पर कार्य करते हैं तो कुछ उच्च स्तर पर। एक माली के कार्य को सरकारी कार्यालय के किसी सचिव के कार्य से अति निम्न स्तर का माना जाता है, किन्तु यदि यही अपने कार्य को कुशलतापूर्वक करता है और उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान करता है तो उसका कार्य उस सचिव के कार्य से कहीं बेहतर है जो अपने काम में ढिलाई बरतता है तथा अपने उत्तरदायित्वों को निर्वाह नहीं करता। क्या आप ऐसे सचिव को एक आदर्श अधिकारी कह सकते हैं ? वास्तव में पद महत्त्वपूर्ण नहीं है, बल्कि महत्त्वपूर्ण होता है कार्य के प्रति समर्पण भाव और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता।

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