Hindi Essay on “Eid ka Tyohar ”, “ईद का त्यौहार”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

ईद का त्यौहार

Eid ka Tyohar 

ईद इस्लाम धर्म के मानने वालों का प्रमुख आनन्ददायक त्योहार है। यह संसार के मुसलमानों के लिए परोपकार और भाईचारे का संदेशवाहक है। ईद का त्योहार वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक को ईद-उल-फितर कहते हैं और दूसरे को ईद-उल-जुहा। ईद से पूर्व का महीना रमजान का महीना कहलाता है। इस पूरे महीने में मुसलमान दिन के समय उपवास रखकर अपना सारा वक्त खुदा की इबादत (आराधना) में बिताते हैं और कोई अनैतिक कार्य न करने का प्रयास करते हैं। ईद के शुभ दिन ही उनका खाना-पीना शुरू होता है।

ईद-उल-फितर के दिन घर-घर में तरह-तरह की नीठी सेवईयाँ पकती हैं और बांटी जाती है। इसलिए इसे ‘मीठी ईद’ भी कहते हैं। इरा ईद के दो महीने और नौ दिन बाद चाँद की दस तारीख को एक और ईद मनाई जाती है। यह ईद-उल-जुहा श बकरीद कहलाती है। इस दिन बकरे काटे जाते हैं और उनका मांस इष्ट मित्रों बाँटा जाता है।

ईद के दिन मुसलमान सूरज निकलने के बाद नमाज पढ़ने जाते हैं, जिसमें  बुदा (ईश्वर) को धन्यवाद देते हैं कि तुम्हारी कृपा से हम रमजान का व्रत रखने में सफल हो गए हैं। इन दिनों में हमारे से जाने-अनजाने में कोई अपराध हो गया हो, तो क्षमा करो।” इस शुभ त्योहार पर मुसलमान दान करते हैं, ताकि उनके गरीब  भाई भी इस त्योहार को मना सकें। इस दिन बड़ी-बड़ी मस्जिदों और ईदगाहों पर  अपार भीड़ रहती है। नमाज पढ़ने के बाद सब एक-दूसरे से ईद मुबारक कहकर गले मिलते हैं। अन्य धर्मों के लोग भी मुसलमानों से गले मिलते हुए ‘ईद मुबारक कहते हैं।

ईद के दिन हर गरीब-अमीर मुसलमान नये-नये कपड़े सिलवाता है। सब लोग उन्हें पहनकर खुशी-खुशी मेले और बाजार में जाते हैं। मिठाइयां और खिलौनों की दुकान पर खूब भीड़ लगी रहती है। खेल-तमाशे वाले भी बच्चों का खूब मनोरंजन – करते हैं।

ईद प्रेम और सद्भाव का त्योहार है। यह सभी के लिए खुशी का सन्देश लाता है। यह त्योहार प्रेम, एकता और समानता की शिक्षा देता है।

Leave a Reply