दीवाली मेले की सैर
Diwali Mele ki Sair
हमारे घर के निकट एक मैदान में प्रतिवर्ष दीवाली से पूर्व आनेवाले शनिवार और रविवार को मेला लगता है। यह मेला एक कमेटी द्वारा उत्तम व्यवस्था के साथ आयोजित किया जाता है। इसमें प्रवेश के लिए टिकट लगता है, फिर भी यहाँ बहुत भीड़ रहती है।
हम भी मेला देखने पहुँचे और इसकी सजावट देख वाह ! वाह ! करते न थके। चारों तरफ स्टाल लगे थे। उन पर रंग-बिरंगी झंडियाँ और बल्ब लगे थे। कुछ स्टाल खेल प्रतियोगिताओं के थे, कुछ खान-पान, कुछ अन्य खरीदारी के थे। यहाँ बड़े-बड़े झूले भी लगे थे।
हमने पहले चाट पकौड़ी और नूडल्स खाईं फिर रिंग डालने वाला खेल खेला। हमने जादूगर का तमाशा भी देखा और ऊँट की सवारी भी की। हमने दिए और मोमबत्तियाँ भी खरीदीं ।
झूलों पर झूलते हुए जब काफ़ी देर हो गई तब हमने गरम-गरम दूध और जलेबी खाई और घर लौट आए।