Hindi Essay on “Barish ka Ek Din”, “बारिश का एक दिन, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

बारिश का एक दिन

Barish ka Ek Din

 

बचपन निश्चिंत मस्ती और शरारतें करने का समय होता है। जिन-जिन बातों पर मम्मी गुस्सा हो जाती हैं, कभी-कभी उनको करने में भी बहुत आनंद  आता हैं। बारिश में कीचड़ में कूदना भी ऐसा ही रोमांचक कार्य है।

घर से कुछ दूरी पर ही होने से मैं अपने विद्यालय पैदल ही जाता हूँ। कड़कती धूपवाले एक दिन, अवकाश के समय अचानक तेज वर्षा हो गई।

मैंने और मेरे मित्र ने तुरंत गेट की ओर दौड़, गार्ड के कमरे में आश्रय लिया। धरती पर नाचती बूंदों से हम स्वयं को और दूर न रख पाए और हमने अपने घर की ओर रुख किया।

पानी से भरी सड़कों पर कूदते हुए हम अपनी गेंद से खेलने लगे। फिर छोटी-बड़ी नहरों का पीछा करते हुए गली के अन्य बच्चों तक पहुँचे। उनके साथ हमने नाव बना-बनाकर तैराई और फिर क्रिकेट खेला।।

निरंतर चलती वर्षा ने समय का आभास भी भुला दिया। दूर से हम दोनों की मम्मी छतरी लिए हमें ढूँढती नजर आईं। उन्हें देख बाकी बच्चे भाग खड़े हुए।

Read More  Hindi Story, Essay on “Dusht ke sath Dushta ka Vyahvar karna Chahiye”, “दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना चाहिए” Hindi Moral Story, Nibandh, Anuched for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

उम्मीद से विपरीत वे हमारे साथ वर्षा का आनंद उठाने लगीं। भीगते और मस्ती करते हम घर पहुँचे। मम्मी ने मुझे हलवा खिलाया और सुला दिया। उस दिन वर्षा के साथ-साथ मुझे माँ के साथ का भी बहुत आनंद आया।

Leave a Reply