Hindi Essay on “Akal badi ki Bhains”, “अक्ल बड़ी कि भैंस”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

अक्ल बड़ी कि भैंस

Akal badi ki Bhains

दुनिया जानती और मानती है कि महात्मा गाँधी जैसे दुबले-पतले महापुरुष ने स्वतन्त्रता संग्राम बिना अस्त्र शास्त्रों से लड़ा। उनका हथियार केवल अहिंसा था। जिस कार्य को शारीरिक बल न कर सका, उसे बुद्धि बल ने कर दिखाया। तभी तो कहावत प्रसिद्ध है। कि अक्ल बड़ी कि भैंस ? जी हाँ, अक्ल ही बड़ी है। माना कि युद्ध भूमि में भीम जैसे विशालकाय और उसके पुत्र घटोत्कच जैसे बलशाली व्यक्तियों का अपना महत्त्व था किन्तु उन दोनों की वीरता या शक्ति को नियन्त्रण में रखने वाली उन्हें दिशा निर्देश देने वाली तो भगवान कृष्ण की बुद्धि ही थी। इतिहास को नया मोड़ देने वाले नेपोलियन लेनिन और मुसोलिनी जैसे व्यक्तियों ने अपने शारीरिक बल पर नहीं अपनी बुद्धि के बल पर सभी सफलताएं प्राप्त की। राजनीति, समाज, धर्म, दर्शन, विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में भी अक्ल का ही डंका बजता है। राजनीति में तो आजकल विशेष रूप से अक्ल का ही बोलबाला है। राजनीतिक दाव-पेंच और तोड़-जोड़ इसी अक्ल के भरोसे किए जाते हैं, शारीरिक बल का यहाँ कोई काम नहीं। हाँ, राजनीतिज्ञ शारीरिक बल वालों को अपने स्वार्थ के लिए खरीद लेते हैं तो वह भी अपनी अक्ल के जोर पर, अपने पैसे के जोर पर। ऐसी ही कुछ बात अन्य क्षेत्रों के विषय में भी है। पंचतंत्र की एक कहानी में इस कथन की पुष्टि होती है कि अक्ल बड़ी कि भैंस ? जब हम पढ़ते हैं कि एक छोटे-से खरगोश ने शक्तिशाली शेर को एक कुएं के पास ले जाकर उससे कुएं में छलांग लगवा कर मार डाला। अपनी अक्ल के जोर पर ही उस नन्हें खरगोश ने उस खंखार शेर से अपनी ही। नहीं जंगल के अन्य प्राणियों की भी रक्षा की। भारत-पाक युद्ध में भी हम ने देखा कि हमारे सेनानायकों ने अपने बुद्धि बल पर ही पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की। पाकिस्तान के पास तो बडे-बडे अमरीकी हवाई जहाज और पैटन टैंक जैसे वीभत्स टैंक थे किन्तु हमारे एक छोटे-से नैट हवाई जहाज ने शत्रु पक्ष के छक्के छुड़ा दिये थे। सन् 1991 लड़ा गया खाड़ी युद्ध भी इसी बात का प्रमाण है। अमरीका ने बुद्धि बल पर हो, ३ जैसे खतरनाक हथियार रखने वाले देश के विरुद्ध लड़ते हुए अपनी जन हानि दी। उपर्युक्त उदाहरणों से यह भली-भान्ति सिद्ध हो जाता है कि बुद्धि बल शारा से सदा ही बड़ा होता है। भैंस नहीं अक्ल ही बड़ी है।

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