Eid “ईद” Hindi Essay, Paragraph for Class 9, 10 and 12 Students.

ईद Eid 

हर वर्ष दो ईद मनाई जाती हैं। एक ईदुलफित्र और दूसरी ईदुज्जुहा । ईदुलफित्र मुस्लिम सम्प्रदाय का सबसे अधिक लोकप्रिय त्योहार है। चाँद का नौवाँ महीना रमजान बड़ा पाक और पवित्र महीना माना जाता है। रमजान महीने में रोजे रखे जाते हैं। यह महीना खुदा की रहमत पाने का महीना होता है। उनतीस-तीस दिन तक रोजे पूरे किए जाते हैं। फिर 29वें या 30वें दिन जब चाँद दिखाई दे जाता है तब रोजे अर्थात् रमजान का माह समाप्त हो जाता है। रोजे राजी-खुशी पूरे हो जाने पर एक खुशी होती है, इसी खुशी का दिन ईद है।

ईद का चाँद दिखाई देने के अगले दिन ईद धूम-धाम और उत्साह से मनाई जाती है। साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर मस्जिदों व ईदगाहों में नमाज पढ़ी जाती है। इस नमाज के बाद लोग आपस में गले मिलते हैं। एक- दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं। मिठाइयाँ-सेवइयाँ एक-दूसरे के घर भेजकर ईद की खुशी और बधाई देने की रस्म निभाते हैं। कई जगह ईद मिलन समारोह आयोजित किये जाते हैं।

यह पवित्र दिन भाईचारे और आपसी प्रेम का दिन होता है। एक- दूसरे को खुशियाँ बाँटने का दिन होता है।

सारे वैर-भाव भुलाकर आज के दिन सब गले मिलते हैं। बड़े-बुजुर्ग अपने बच्चों को ‘ईदी’ अर्थात् खुशियाँ मनाने के लिए पैसा देते हैं।

दूसरी ईद ईदुज्जुहा ईदुलफित्र के लगभग दो माह बाद आती है। इस अवसर पर लोग हज यात्रा अथवा अन्य जगह की ज्यारत पर जाते हैं। भेड़ या बकरे दी कुर्बानी ही जाती है। इस ईद को मनाने के पीछे एक कहानी जुड़ी हुई है। वह कहानी त्याग और धर्म की खातिर बलिदान दे देने की सीख और प्रेरणा देती है। इस ईद को बकरईद भी कहते हैं। इस दिन भी एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं।

कैसे मनाएँ ईद

How to celebrate Eid

  1. ईद मुस्लिम समाज का पवित्र त्योहार है। ईद भाईचारे, मिलन और प्रेम का त्योहार है। इस दिन सारे वैर-भाव भूलकर गले मिलते हैं ।
  2. बच्चों को इन्हीं बातों का महत्व समझाया जाए। हिलमिल रहने का संदेश दिया जाए।
  3. बच्चे अपने मुस्लिम साथियों के साथ मिलकर प्रेम से यह त्योहार मनाएँ।

Leave a Reply