Chunav Ka Din “चुनाव का दिन” Latest Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 12 and Graduation Examination.

चुनाव का दिन

Chunav Ka Din

रविवार के दिन प्रात:काल से हमारी बस्ती में अजीब-सी हलचल थी। सभी सुबह जल्दी उठ गए और अपने-अपने कार्यों को निपटा रहे थे, कारण था चुनाव। वह चुनाव का दिन था। सभी अपना मतदान करने के लिए बहुत उत्साहित थे। चारों ओर चुनावी बातचीत और उम्मीदवारों के गुणों के विषय में बातचीत का शोर-गुल था। सभी अपने-अपने उम्मीदवारों की बड़ाई कर रहे थे और उन्हें वोट देने की बात कर रहे थे। जब मैं अपना मतदान देने के लिए मतदान केन्द्र जा रहा था तो लोगों के समूह के समूह अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने जा रहे थे और जो लोग वोट डाल चुके थे, वे भी राजनीतिक बातें करते हुए मतदान केन्द्र से लौट रहे थे। मतदान केन्द्र पर जाकर मैंने देखा कि वहाँ बवाल, हिंसा और तनाव की घटनाओं को रोकने के लिए व सुरक्षा प्रदान करने की भावना से बहुत बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात था। मतदान केन्द्र के अन्दर महिला व पुरुषों की अलग-अलग पंक्तियाँ थीं। मतदान केन्द्र में हिडिन कैमरे लगे हुए थे जिससे दूर बैठकर मतदान केन्द्र में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। सभी अपनी बारी का इन्तजार कर रहे थे। अन्दर बैठे व्यक्ति मतदान करने हेतु आने वाले की मतदान पर्ची मिला रहे थे और उसकी उँगली पर एक प्रकार की अमिट स्याही लगा रहे थे जिससे कोई धोखे से दुबारा मतदान करने नहीं आ सके। उसके बाद मतदान केन्द्र में रखी इलेक्टॉनिक मशीन का बटन दबाकर लोग अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट डाल रहे थे। यह प्रक्रिया शाम 5 बजे तक चली। लोग मतदान केन्द्र पर आते और जाते रहे। इस बार मैंने भी पहली बार अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग किया और ऐसा करके मुझे बड़ा गर्व हुआ।

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