विजयलक्ष्मी पंडित
Vijaya Lakshmi Pandit
जन्म : 18 अगस्त, 1900
इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
- विजयलक्ष्मी पंडित पं. मोतीलाल नेहरू की सुपुत्री और पं. जवाहरलाल नेहरू की बहन थीं।
- उनका बचपन का नाम स्वरूप कुमारी था। स्वरूप सुंदर और चपल थीं।
- चार-पाँच वर्ष की उम्र से ही छु, सवारी करने लगी थीं।
- उनका पालन-पोषण,शिक्षण और रहन-सहन पाश्चात्य ढंग से हुआ।
- सन् 1919 में उनका विवाह एक गुजराती विद्वान श्री रणजीत पंडित से हुआ और वह विजयलक्ष्मी पंडित कहलाने लगीं।
- उच्च शिक्षा के बाद वह उत्तर प्रदेश में समाजसेविका के रूप में कार्य करने लगीं।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के प्रत्येक प्रमुख आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी रही। अनेक बार जेल गईं।
- स्वतंत्र भारत में कूटनीतिज्ञ के रूप में वह अनेक महत्त्वपूर्ण पदों पर रहीं। रूस, अमेरिका और मैक्सिको में राजदूत रहने के बाद सन् 1953 से 1954 तक संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेम्बली की अध्यक्षा रहीं।
- सन् 1958 से 1961 तक स्पेन की राजदूत रहीं।
- उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया । 1 दिसम्बर 1990 को उनका देहांत हो गया ।