Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Christmas Day – Bada Din”, “क्रिसमस – बड़ा दिन”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

क्रिसमस – बड़ा दिन

Christmas Day – Bada Din

भूमिका-सभी धर्म व्यक्ति को ईश्वर तक पहुँचाने के मार्ग हैं तथा धर्म के त्योहार किसी-न-किसी महान उददेश्य की ओर प्रेरित करते हैं। हर त्योहार का उद्देश्य बहुत उदार होता है। भारत जैसे विशाल देश में जहाँ विभिन्न धर्मों के अनुयायी रहते हैं, सभी त्योहारों का महत्त्व है क्योंकि ये त्योहार प्रेम, मिलाप तथा सौहार्द का वातावरण बनाते हैं। ईसाइयों के त्योहारों में बड़े दिन का विशेष महत्त्व है।

मनाने का कारण-क्रिसमस या बड़ा दिन ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा-मसीह के जन्म दिवस में मनाया जाता है। ईसाइयों का विश्वास है कि इस दिन भगवान यीशु का जन्म हुआ था, जो ईश्वर के पुत्र थे।

यीशू-मसीह- ईसा-मसीह ने प्रेम सत्य, बंधुता, अहिंसा, भाईचारा तथा सहिष्णुता का उपदेश दिया था।

उत्सव की तैयारियाँ-उत्सव की तैयारियाँ कई दिन पहले से प्रारंभ हो जाती हैं। बधाई काई (Greeting) खरीदे जाते हैं तथा उस पर शुभ कामनाएँ अंकित करके मित्रों तथा संबंधियों को भेजे जाते हैं। बाजारों में खूब चहल-पहल होती है।

शांति तथा प्रसन्नता का त्योहार-ईसाइयों का यह प्रमुख त्योहार शांति तथा प्रसन्नता का त्योहार है। इस दिन सभी प्रसन्न दिखते हैं। घरों में खूब सजावट की जाती है। गिरिजाघरों (Churches) में विशेष प्रार्थनाएँ की जाती हैं तथा ईसामसीह को याद किया जाता है। सभी ईसाई भाई नए कपडे पहनते हैं तथा चारों ओर प्रसन्नता का समुद्र हिलोरें लेता हुआ दिखाई देता है।

इस दिन सभी ईसाई सवेरे उठते हैं, नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहनते हैं तथा सवेरे नौ बजे सजधज के साथ सजे सजाए गिरिजा घरों में पहुँच जाते हैं। जहाँ प्रार्थनाएँ, गीत आदि गाए जाते हैं। गिरिजाघरों की शोभा इस दिन देखते ही बनती है। गिरिजाघरों में मुख्य पादरी, ईसाइयों की धार्मिक पुस्तक बाइबिल में से संदेश पढ़ता है तथा ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। प्रार्थना आदि के बाद सब लोग एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं तथा शुभकामनाओं के आदान-प्रदान का सिलसिला चलता है।

क्रिसमस पेड़-इस अवसर पर घरों में क्रिसमस पेड़ सजाया जाता है, जिसके नीचे परिवार के सभी व्यक्ति ‘उपहार’ कागज में लपेटकर रख देते हैं तथा मध्य रात्रि को परिवार के सब लोग एकत्रित होते हैं तथा अपने-अपने उपहार उठाते हैं।

सेंटाक्लॉज-इस दिन परिवार के किसी भी व्यक्ति, युवक बच्चे को सेंटाक्लॉज बनाया जाता है, जो एक संत के रूप में अभिनय करता है तथा उपस्थित सभी लोगों को शुभ कामनाएँ, खुशी का संदेश, प्रसन्नता तथा उपहार बाँटता है।

प्रेम तथा भाईचारे का संदेश-क्रिसमस का त्योहार प्रेम, भाईचारे तथा मित्रता का संदेश देता है। लोग अपने घर पर अपने मित्रों, संबंधियों आदि को दावत पर बुलाते हैं। मित्रों के घर मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं तथा गरीबों को दान दिया जाता है। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहता है।

उपसंहार-क्रिसमस के दिन हमें यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि चाहे हम किसी भी धर्म को माने, पर ईसामसीह ने प्रेम, भाईचारे तथा अहिंसा का जो मार्ग दिखाया है, हम सब उस पर चलने का प्रयास, करेंगे। ईसा-मसीह की शिक्षाओं पर चलकर विश्व बंधुत्व की भावना आ सकती है।

Leave a Reply