Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Apna Kaam aap karo”, “अपना काम स्वयं करो”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

अपना काम स्वयं करो

Apna Kaam aap karo

एक गाँव के पास खेत में सारस पक्षी का एक जोड़ा रहता था। वहीं उनके अंडे थे। अंडों से समय पर बच्चे निकले। उस समय तक फसल पक चुकी थी। परन्तु सारस के बच्चे अभी छोटे थे। उन्हें उड़ना नहीं आता था। सारस बड़ी चिंता में पड़ गया। अगले दिन सवेरे सारस ने अपने बच्चों से कहा, “यदि कोई खेत के पास आए तो उसकी बात सुनकर याद रखना।”

सारस जब शाम को भोजन लेकर बच्चों के पास लौटा तो बच्चों ने कहा-“आज किसान आया था। वह खेत के चारों ओर घूमता रहा। एक दो स्थान पर खड़े हो देर तक खेत को देखता रहा। वह कह रहा था कि खेत अब काटने योग्य हो गया है। आज चलकर गाँव के लोगों से कहँगा कि वे मेरा खेत कटवा दें।”

सारस ने कहा-“तुम डरो मत। खेत अभी नहीं कटेगा। अभी खेत कटने में देर है।”

कछ दिन बीत गए। एक दिन सारस जब शाम को बच्चों के पास आया तो बच्चे बहुत घबराए थे। वे कहने लगे, “अब हमें यह खेत झटपट छोड़ देना चाहिए। आज किसान फिर आया था। वह कहता था कि गाँव के लोग बड़े स्वार्थी हैं। वे मेरा खेत कटवाने का कोई प्रबंध नहीं करते। कल मैं अपने भाइयों को भेजकर खेत कटवा लूँगा।”

सारस अब भी बच्चों के साथ निश्चिंत होकर बैठ गया और बोला-“अभी तो खेत कटता नहीं। ‘दो चार दिन की बात और है तब तक तुम ठीक-ठीक उड़ने लगोगे। अभी डरने की आवश्यकता नहीं।

इस प्रकार कई दिन बीत गए। अब तक सारस के बच्चे भी उड़ने लगे थे और निर्भीक हो गए थे। एक दिन सारस के बच्चे कहने लगे, “यह किसान हमें झूठ-मूठ मारता है। इसका खेत तो कटेगा ही नहीं। वह आज भी आया था और कहता था कि मेरे भाई भी मेरी बात नहीं सुनते। सब बहाना बनाते हैं। मेरी फसल का अन्न सूखकर झड़ रहा है। कल बड़े सवेरे में आऊँगा और खेत काटूँगा।”

सारस बोला-“चलो जल्दी करो! अभी अंधेरा नहीं हुआ है। किसी दूसरे स्थान पर उड चलो। कल खेत अवश्य ही कट जाएगा।”

बच्चे बोले, “क्या? इस बार अवश्य कट जाएगा, वह कैसे?”

सारस ने कहा-“जब तक किसान गाँव वालों और भाइयों के भरोसे था, खेत कटने की आशा नहीं थी, जो दूसरों के भरोसे कोई काम छोड़ता है उसका काम नहीं होता, लेकिन जो स्वयं करने को तैयार होता है उसका काम रुका नहीं रहता। किसान जब स्वयं कल खेत काटेगा, तब तो खेत काटेगा ही। अपने बच्चों के साथ सारस उसी समय वहाँ से उड़कर दूसरे स्थान पर चला गया।”

 

शिक्षा कभी भी दूसरों पर आश्रित मत रहो। अपना काम स्वयं करो।

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