Yuva Shakti – Aasha ki Kiran “युवा शक्ति – आशा की किरण ” Hindi Essay 200 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

युवा शक्ति – आशा की किरण 

Yuva Shakti – Aasha ki Kiran

जब चारों ओर देश में निराशा का वातावरण हो। अराजक तत्त्व देश को लगातार खोखला करते जा रहे हों। ईमानदार पीढ़ी आयुवृद्ध होकर बिस्तर पर बैठ गई हो, चारों ओर दुश्मन देश की सीमाओं पर आँखें दिखा रहा हो, रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया हो। भ्रष्टाचारी और व्याभिचारी देश में नंगा नाच नाच रहे हों। चारों ओर हताशा का वातावरण हो तब अंधेरे में चिंगारी की उम्मीद यवाओं से की जाती है। वही अराजक तत्त्वों से हताश भारत को नव दिशा दे सकता है। निश्चय रूप से युवा वर्ग देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए आशा की किरण है। यह राष्ट्र का प्राण तत्त्व है। वही उसकी गति है, स्फूर्ति है, चेतना है और ओज है। राष्ट्र की प्रज्ञा भी वही है। आखिर क्यों न हो? वह प्रतिभासंपन्न है, पौरुष का पूंजीभूत है, तप और त्याग की मूर्ति है. राष्ट्र की गरिमा है। उसने अपना पथ स्वयं निश्चित किया है। उसके पास देश के विकास का संकल्प है। उसके पास सिद्धियाँ हैं और राष्ट्र को सुरक्षित रखने का अपूर्व पराक्रम है। वह युवा अपने भविष्य के लिए कठोर प्रयास करता है। शिक्षा प्राप्त कर उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है। वह देश के लिए सोचता है। इसमें प्रशासन में बैठे अराजक तत्त्वों को उखाड़ने की असीम शक्ति है। वह निकम्मे अधिकारियों से प्रशासन अपने हाथ में लेकर देश को प्रगतिशील बना सकता है। उसमें जातिवाद नहीं है, धर्मवाद नहीं है, उसमें केवल देशवाद है। वह घोटाला करने वाले और कुर्सी से चिपके रहने वाले नेताओं को सबक सिखा सकता है क्योंकि वह ऐसे लोगों की वास्तविकता से परिचित है। वह जानता है कि प्रशासन कैसे चलाया जाता है। देश का युवा वर्ग प्राचीन रूढ़ियों को महत्त्व नहीं देता। वह देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए कटिबद्ध है। निश्चित ही युवा वर्ग देश के लिए आशा की किरण

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