Vigyapano Ka Mahatva “विज्ञापनों का महत्व” Hindi Essay 300 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

विज्ञापनों का महत्व

Vigyapano Ka Mahatva 

जब समाचार-पत्रों में सर्वसाधारण के लिए कोई सूचना प्रकाशित की जाती है तो उसे विज्ञापन कहते हैं। यह सूचना नौकरियों से सम्बन्धित हो सकती है, खाली मकान किराये पर उठाने के सम्बन्ध में हो सकती है या किसी औषधि के प्रचार से सम्बन्धित हो सकती है। कुछ लोग विज्ञापन के आलोचक हैं। वे इसे निरर्थक मानते हैं। उनका मानना है कि यदि कोई वस्तु यथार्थ रूप में अच्छी है तो वह बिना किसी विज्ञापन के लोगों के बीच लोकप्रिय हो जाएगी जबकि खराब वस्तुएँ विज्ञापन की सहायता पाकर भी भंडाफोड़ होने पर बहुत दिनों तक टिक नहीं पाएंगी, परन्तु लोगों की यह सोच गलत है।

आज के युग में मानव का प्रचार-प्रसार का दायरा व्यापक हो चुका है। अतः विज्ञापनों का होना अनिवार्य हो जाता है। किसी अच्छी वस्तु का वास्तविकता से परिचय पाना आज के विशाल संसार में विज्ञापन के बिना नितान्त असंभव है। विज्ञापन ही वह शक्तिशाली माध्यम है जो हमारी ज़रूरत की वस्तुएँ प्रस्तुत करता है, उनकी माँग बढ़ाता है और अंततः हम उन्हें जुटाने चल पड़ते हैं। यदि कोई व्यक्ति या कम्पनी किसी वस्तु का निर्माण करती है, उसे उत्पादक कहा जाता है। उन वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने वाला उपभोक्ता कहलाता है। इन दोनों को जोड़ने का कार्य विज्ञापन करता है। वह उत्पादक को उपभोक्ता के सम्पर्क में लाता है तथा माँग और पूर्ति में संतुलन स्थापित करने का प्रयत्न करता है।

पुराने जमाने में किसी वस्तु की अच्छाई का विज्ञापन मौखिक तरीके से होता था। काबुल का मेवा, कश्मीर की ज़री का काम. दक्षिण भारत के मसाले आदि वस्तुओं की प्रसिद्धि मोखिक रूप से होती थी। उस समय आवश्यकता कम होती थी तथा लोग किसी वस्तु के अभाव की तीव्रता का अनुभव नहीं करते थे। आज समय तेजी का है। संचार-क्रांति ने ज़िन्दगी को स्पीड दे दी है। मनुष्य की आवश्यकताएँ बढ़ती जा रही हैं, इसलिए विज्ञापन मानव-जीवन की अनिवार्यता बन गया है।

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