The Cow “गाय” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

गाय

The Cow

गाय एक पालतू पशु है । गाय को पालने की प्रथा बहुत पुरानी है । हमारी संस्कृति में गौपालन और गौसेवा को पुण्य का कार्य माना जाता है । गाय को हिन्दू गौमाता मानते हैं तथा इसकी सेवा करते हैं। श्री कृष्ण हमारे देश के एक प्रसिद्ध गौपालक थे । इसीलिए उनका एक नाम गोपाल है । वे दिन भर गौएँ चराने का कार्य करते थे।

गाय एक उपयोगी पशु है । गाय का.दूध बहुत पवित्र होता है । गाय का दूध बच्चों का प्रिय भोजन होता है । यह आसानी से पच जाता है । गाय का दूध पीकर आदमी स्वस्थ बना रहता है । गाय के दूध से दही, मठा, मक्खन, खोया, मिठाई आदि विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं । गाय के दूध तथा इससे बने पदार्थों का प्रयोग पूजा-पाठ अथवा धार्मिक कार्यों में किया जाता है । गाय का दूध अमृत के समान गुणकारी होता है । बूढ़े और बीमार लोगों को गाय का दूध दिया जाता है । गाय के मूत्र से दवा तैयार की जाती है । इस दवा से मानव शरीर की बहुत सी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं।

गाय भारतीय किसानों को बहुत सहयोग देती है । किसान इससे दूध और गोबर प्राप्त करते हैं । दुध बेचकर वे अपनी आमदनी बढाते हैं । गोबर से वे अपना घर-द्वार लीपते हैं, उपले और खाद तैयार करते हैं । गोबर, पुआल तथा सड़ी-गली पत्तियों से बनी खाद उपज बढ़ाने वाली होती है । कुछ लोग गोबर से खाना पकाने तथा रोशनी करने की गैस प्राप्त करते हैं । इसके लिए गौशालाओं के निकट गोबर गैस प्लांट लगाए गए हैं ।

गाय विभिन्न रंग-रूप और आकार की होती है । यह काली, सफेद, भूरी या चितकबरी होती है । इसके चार पैर, दो आँखें, दो सींग, दो कान, एक बड़ा सा पेट तथा एक लम्बी पूँछ होती है । अपनी पूँछ हिलाकर यह मच्छर-मक्खियाँ भगाती है । आकार की दृष्टि से भी गायों में काफी भिन्नता पाई जाती है । अधिकतर देशी गायों का कद नाटा होता है । ये कम दूध देती हैं । अच्छी नस्ल की गाएँ अधिक दूध देती हैं । शहरों के लोग अच्छी नस्ल की गाय को पालते हैं तथा अधिक दूध प्राप्त करते हैं । इस दूध को बेचकर वे अच्छा मुनाफा कमाते हैं । यही कारण है कि शहरों और गाँवों में गौ पालने वालों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है । किसानों के लिए गौपालन अतिरिक्त आमदनी का एक अच्छा जरिया बन गया है।

गाय बछड़ा देती है । बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता है । बैल किसानों क मित्र होता है । बैलों को हल में जोता जाता है । गा गाड़ी भी खींचता है। बछिया पल-बढ़कर गाय बनती है । गाय और बैल गौशाले में रखे जाते हैं । भोजन के रूप में इन्हें पुआल, भूसा, चोकर, खली, दलिया, अनाज आदि दिया जाता है । समय-समय पर इन्हें पानी भी पिलाया जाता है । गाँव में ग्वाले प्रात:काल गाय-बैलों को चराने ले जाते हैं । शाम होने पर इन्हें वापस ले आया जाता है।

गाय एक सरल जन्तु है । यह शायद ही किसी का नकसान पहुंचाती ह। । हमारी थोड़ी-सी सेवा के बदले में यह बहुत कुछ देती है । मरने पर यह हमें अपने शरीर का चमड़ा दे जाती है । इस उपकारी जीव का हमें आभार मानना चाहिए । हमें गौसेवा का व्रत लेना चाहिए । गौमाता के साथ हमें किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए । इनके खान-पान और रह-सहन की उचित व्यवस्था करनी चाहिए । गौवध पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।

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