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कल बकरी कहां चरायेंगे? Kal Bakri Kaha Charayega एक गांव में दो चरवाहे रहते थे। वे दोनों रोज अपनी और गांववालों की बकरियां चराने को ले जाया करते थे। …
कम्बल नहीं छोड़ता Kambal Nahi Chodta एक बाबाजी कुछ चेलों के साथ किसी नदी के किनारे नहा रहे थे। दूर, पानी पर निगाह पड़ी तो देखा कि एक …
एक न शुद दो शुद Ek Na Shudh Do Shudh किसी लड़के की मां कफनचोर थी। रात को कब्र खोदकर वह मुर्दे पर से कफन निकाल लिया करती। किसी …
ऊँट के गले में बिल्ली Unth ke Gale me Billi किसी गांव में एक आदमी का ऊँट खो गया। खोजते-खोजते बहुत हैरान हो जाने पर उसने कसम खाई …
ऊँट के गले में पालकी Unth ke Gale me Palki एक जमींदार पालकी में बैठा कहीं जा रहा था। रास्ते के बगल के खेत में हरे चने देखकर …
उस्तरा, हजाम, नाई, एक मैं, एक मेरा भाई, Ustra, Hazam, Nai, Ek mein, Ek mera Bhai पुराने जमाने में गरीब-से-गरीब के यहां भी बरात में सौ-पचास आदमी आ जाते …
उत्तम खेती मध्यम बान, निखद चाकरी भीख निदान Uttam Kheti Madhyam Baan, Nikhad Chakri Bhikh Nidan किसी जमींदार (रईस) को कहीं एक पत्थर की पटिया पड़ी मिली, जिस पर …
इस मुर्दे के पीले पांव Is Murde ke Pile Paav एक नगर में चार चोरों ने मिलकर वहां के राजा के खजाने में चोरी करने की ठानी। किसी तरह …
इतनी रुई कौन कातेगा Itni Rui Kaun Katega बहुत पहले की बात है। किसी गांव में एक बढिया रहती थी। उस जमाने में मिले न थी, सूत चरखे …
इक्के–दुक्के का अल्ला बेली Ekke-Dukke ka Allah Beli इस कहावत का अर्थ तो है कि अकेले-दुकेले का ईश्वर रक्षक है, पर इस पर एक खास कहानी है- दिल्ली …