Shram Se Hi Rashtriya Kalyan “श्रम से ही राष्ट्रीय कल्याण” Hindi Essay 200 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

श्रम से ही राष्ट्रीय कल्याण

Shram Se Hi Rashtriya Kalyan

कठिन या दुस्साध्य काम करने के लिए विशेष रूप से मन लगाकर किया जाने वाला मानसिक या शारीरिक कार्य परिश्रम है। कोई ऐसा कार्य जिसे करते-करते शरीर में शिथिलता आने लगती है, वह परिश्रम है। मानव जीवन में श्रम का महत्त्व है। इसी से व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है। श्रम से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। परिश्रम से देश की संपत्ति बढ़ती है। परिश्रमी, आलसी, भाग्यवादी, निराशावादी देश को हानि पहुंचाते हैं। आधुनिक युग में व्यक्ति निजी भोगों पर अधिक विचार करने लगा है। यह भावना राष्ट्र कल्याण के लिए शुभ नहीं। श्रम के बिना कोई राष्ट्र जीवित नहीं रह सकता। रोटी, कपड़ा और मकान श्रम से उपलब्ध होता है। किसान खेती में श्रम कर राष्ट्र के लिए भोजन उपलब्ध कराता है। अगर वह काम न करे तो देश में अकाल पड़ जाए। वह कपास पैदा करता है जिससे मजदूर वर्ग वस्त्र का निर्माण करता है। इसके परिश्रम से भी राष्ट्र का कल्याण होता है। सड़क निर्माण, यातायात के साधनों का निर्माण श्रम से ही होता है। इनके निर्माताओं का भी राष्ट्र में योगदान है। इस प्रकार परिश्रम से जहाँ मानसिक शक्तियों का विकास होता है, कार्य में दक्षता आती है, जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है। वहीं राष्ट्र बलवान होता है। इसलिए राष्ट्र के कल्याण के लिए श्रम अनिवार्य है। इसीलिए कहा गया है-श्रमेव जयते।

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