शहरों में बढ़ते अपराध
Shahro me Badhte Apradh
इस समय देश में अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। दुःखद यह है कि ये अपराध पिछले साल के मुकाबले और ज्यादा बढ़ गए हैं। पुलिस ऑकड़ों के मुताबिक पिछले साल से इस साल इन अपराधों में पन्द्रह फीसद की बढ़ोतरी हुई है। ये अपराध सबसे अधिक चोरी, डकैती, हत्या, बलात्कार, चेन झपट, दुर्घटना व आत्महत्या के हैं। ये अपराध क्यों बढ रहे हैं इसका अध्ययन करने वाले मनोविज्ञानियों का कहना है कि इसके पीछे केवल आर्थिक कारण नहीं है अपितु मानसिक विकृतियाँ भी हैं। अगर कोई चार-पाँच साल की बच्ची के साथ बलात्कार करता है तो इसके पीछे यौन संतुष्टि की भावना नहीं है अपितु मानसिक विकृति की भावना है। ऐसे व्यक्तियों को सजा से नहीं अपितु मानसिक उपाचार से सुधारा जा सकता है। चोरी-डकैती आदि अपराध के पीछे बेरोजगारी बड़ा कारण हो सकता है। अगर युवाओं को उचित रोजगार मिलते हैं तो वे इस तरह के अपराधों से पीछे हट सकते हैं। हत्या जैसे अपराधों का कारण वैमनस्य है। जब समाज में नैतिकता का पतन हो जाता है तब इसी तरह के अपराध उभर कर आते हैं। अगर सरकार अपराध के ग्राफ नीचे लाना चाहती है तो इसके लिए उसे कड़े दण्ड की व्यवस्था करनी होगी। जब तक अपराधियों को कानून का खोफ न होगा, तब तक अपराधों का ग्राफ नीचे नहीं आने वाला।