Samvad lekhan on “IAS ki Pariksha me asafal hue mitra ko Protsahan dete hue do mitro ki batchit”.

आई. ए. एस. की परीक्षा में असफल हए मित्र को प्रोत्साहन देते हुए दो मित्रों के बीच हुई बातचीत को लिखें।

 

केशव : मित्र, तुम इतने उदास क्यों दिखाई दे रहे हो?

सुधीर : क्या बताऊँ. इस बार भी मैं आई. ए. एस. की परीक्षा में सफल नहीं हो सका। लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे?

केशव : लोगों को तुम चिंता न करो। अपने पर विश्वास रखो और फिर से प्रयत्न करो।

सुधीर : मुझे लगता है कि अब मुझे इस परीक्षा के लिए प्रयास बंद कर देना चाहिए।

केशव : इतनी आसानी से हथियार नहीं डाल देने चाहिए। राजा ब्रूस की कहानी याद करो और

प्रयास करना जारी रखो, सफलता अवश्य मिलेगी।

सुधीर : मेरे पिताजी बहुत परेशान हो जाएंगे।

केशव : अपने पिताजी को विश्वास दिलाओ कि यह परीक्षा इतनी आसान नहीं है, अधिकतर लोग

दो या तीन बार के प्रयास के बाद ही इसमें सफल होते हैं।

सुधीर : परंतु मैं उन्हें किस प्रकार विश्वास दिला सकता हूँ?

केशव : अगली बार अधिक मेहनत और लगन से अध्ययन करके। मैं जानता हूँ कि तुम बहुत

प्रतिभावान हो और तुम सफल हो सकते हो।

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