Samvad Lekhan on “Do Grahniyo ke beech samvad 100 shabdo me”, “दो गृहणियों की आपसी बातचीत”

दो गृहणियों की आपसी बातचीत: संवाद लेखन

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श्रीमती शर्मा: नमस्ते।

श्रीमती मिश्रा: नमस्ते। क्या हाल हैं?

श्रीमती शर्मा : बस ठीक है। तुम कहो, क्या हो रहा है?

श्रीमती मिश्रा : अभी-अभी खाना बना कर हटी हूँ और तुम क्या कर रही हो।

श्रीमती शर्मा: बच्चों के स्कूल से आने का इंतजार कर रही हूँ।

श्रीमती मिश्रा : हाँ अब तो समय हो गया। बच्चे-आने ही वाले होंगे।

श्रीमती शर्मा : बच्चों पर बस्तों का बोझ बहुत बढ़ गया है।

श्रीमती मिश्रा : हाँ भई, पर क्या हो सकता है। आज हर क्षेत्र में प्रतियोगिता बढ़ गई है।

श्रीमती शर्मा : सही कहती हो, कि हर कोई चाहता है कि उसका बच्चा उच्च पद पर आसीन हो। लो बच्चे भी आ गए।

श्रीमती मिश्रा : चलो ठीक है तुम बच्चों को खाना खिला लो फिर शाम को पार्क में मिलते हैं।

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