Pushp ki Atmakatha “पुष्प की आत्मकथा” Hindi Essay 200 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

पुष्प की आत्मकथा

Pushp ki Atmakatha

मैं फूल हूँ, मेरा नाम गुलाब है। मैं दिखने में गुलाबी रंग का एक सुंदर, सजीला पुष्प हूँ। मेरी गुलाबी रंगत, मेरी भीनी-भीनी खुशबू और मेरी ओसधुली ताजगी मेरे व्यक्तित्व में चार चाँद लगाती है। कोमलता का एहसास मुझे छूने वाले के मन मे सहज ही प्रेम के दिव्य प्रकाश को आलोकित कर देता है।

देव प्रतिमा पर चढ़ाने से मेरा व्यक्तित्व भी देवत्व गरिमा से एकाकार हो जाता है। बालों में सजाने पर मैं रूपसियों के सौंदर्य को और निखरता हूँ। घर में, बाग में या चाचा नेहरू की कोट में, मैं जहाँ भी रहता हूँ, उस जगह की शोभा बढ़ जाती है।

पर मेरे शरीर में जो काँटे हैं उनसे मुझे असहनीय पीड़ा होती है, दर्द का ये एहसास उस समय और भी बढ़ जाता है, जब किसी के द्वारा तोड़े जाने पर ये कांटे उसे भी चुभ जाते हैं, तब मुझे दुख होता है कि मेरी वजह से किसी को कर पहुंचा है। इसके बावजूद भी मैं सदा मुस्कुराता हूँ तथा सभी को घोर विपतियों में हिम्मत और धैर्य न खोने की प्रेरणा देता हूँ।

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