Pak-Kala Pustak Ki Samiksha “पाक कला पुस्तक की समीक्षा ” Hindi Essay 250 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

पाक कला पुस्तक की समीक्षा 

Pak-Kala Pustak Ki Samiksha 

पाक कला पुस्तक रजनी माथुर ने लिखी है। यह रसोईघर से संबंधित है। इसमें आम तौर पर खाना पकाने की विधियों का समावेश किया गया है। इसमें रंगीन चित्र हैं और उनसे श्रेष्ठ सामग्री या इसके स्थान पर किसी अन्य सामग्री को खरीदने से संबंधित राय भी शामिल है। अधिकांश पुस्तकों में घर पर खाना बनाने से संबंधित तकनीकों, खाना पकाने की विधियों और मशहर बावर्चियों (शेफ) की टिप्पणियों, रसोईघर की नियमावली और अपेक्षाकृत बड़े समुदाय में पाई जाने वाली सांस्कृतिक समीक्षाओं का उल्लेख होता है। इस पुस्तक में इनसे हटकर नया कुछ नही है। ऐसा लगता है कि शुरुआती पाक कला पुस्तकें मुख्यतः व्यंजनों की सूची रही होगी। जिन्हें अब होट कुजीज कहा जाता है। और अक्सर ये पुस्तकें मुख्य रूप से लेखक के पंसदीदा व्यंजनों की सूची प्रदान करने के लिए या फिर दावतों और उच्च वर्गीय निजी घरों में पेशेवर बावर्चियों को प्रशिक्षित करने के लिए लिखी जाती थी। इसलिए इनमें से अधिकांश पाककला पुस्तकें केवल सामाजिक पाक कला की जानकारी प्रदान करती है। चकि ये प्राचीनकाल की खान-पान कला के महत्त्वपूर्ण हिस्सों जैसे कि किसानों के भोजन, रोटी तथा एक पकवान के रूप में अत्यंत सब्जी को तैयार करने की विधियों को अनदेखा करती है। इसके बाद भी यह पुस्तक आम गृहणी को पसन्द आएगी। हलाकि इसे किसी भी सरत में गंभीर पस्तक नहीं कहा जा सकता।

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