एक हाथ से ताली नहीं बजती Ek Haath se tali nahi bajti लता को उदास देखकर दादाजी ने पूछ लिया-“लता बेटे, क्या बात है? उदास क्यों हो?” “दादाजी, मुझे …
एक पंथ दो काज Ek Panth Do Kaj शाम का समय था। दादाजी ने आवाज लगाई–“अरे भई, क्या बात है? आज चाय नहीं बनेगी क्या?” दादाजी की आवाज सुनकर …
एकता में ही बल है Ekta me hi Bal hai दादाजी ने आवाज लगाई–“अमर बेटा, जरा पानी की बाल्टी उठाकर लाना। पौधों में पानी देना है।” अमर पानी …
एक अनार, सौ बीमार Ek Anar, Sau Bimar एक दिन शाम के समय अमर और लता दादाजी के साथ मंदिर गए। वहाँ उन्होंने देखा कि एक आदमी भिखारियों को …
ऊँट के मुँह में जीरा Unth ke muh me Jeera दादाजी और अमर बाहर आँगन में बैठे थे। घर के अंदर रसोई में दादीजी खाना बना रही थीं। …
ऊँची दुकान, फीके पकवान Unchi Dukan, Phike Pakwan अमर और लता दादीजी के पास बैठे थे। तभी दादाजी बाहर से आए और बोले-“आज किसी काम से मुझे रामलाल …
आसमान से गिरा, खजूर में अटका Asman se gira, Khajur me Atka दादाजी बाजार से आए तो अमर और लता ने उन्हें घेर लिया-“दादाजी दादाजी! हमारे लिए क्या …
आग लगने पर कुआँ खोदना Aag Lagne par Kuva Khodna शाम को दोस्तों के साथ खेलने के बाद अमर वापस अपने घर आया और दादाजी से बोला-“दादाजी, आज भरत …
आँख के अंधे नाम नयनसुख Aankho ke andhe naam Nayansukh अमर और लता दादाजी के पास बैठे थे। दादाजी उन्हें मजेदार बातें सुना रहे थे। इसी सिलसिले में दादाजी …
अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत Ab Pachtaye hot kya jab Chidiya chug gai khet लता स्कूल से आकर उछलती हुई दादाजी के पास गई। …